कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने रचा इतिहास, पहली बार 100 फीसदी ट्रेनें चली समय पर
कोरोना वायरस संकट के बीच भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने इतिहास रच दिया है. आज रेलवे की सभी ट्रेने टाइम पर चली. जिस वजह से ट्रेनों की 100 प्रतिशत पंक्चुअलिटी का लक्ष्य हासिल हुआ.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट के बीच भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने इतिहास रच दिया है. आज रेलवे की सभी ट्रेने टाइम पर चली. जिस वजह से ट्रेनों की 100 प्रतिशत पंक्चुअलिटी का लक्ष्य हासिल हुआ. समाचार एजेंसी एएनआई ने रेलवे मंत्रालय के हवाले से कहा कि सभी ट्रेनें समय पर चली. रेलवे ने आगे बताया कि इससे पहले बीते 23 जून को 99.54 फीसदी ट्रेने समय पर चली थी. तब केवल एक ट्रेन ने देरी की थी. पिछले महीने ही रेलवे ने 230 विशेष रेलगाड़ियों के चलाने में 100 प्रतिशत समय की पाबंदी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. भारतीय रेल नेटवर्क पर सामान्य रूप से 13 हजार ट्रेने चलाई जाती है, फिलहाल दो प्रतिशत से भी कम ट्रेने चल रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव (V K Yadav) ने सभी महाप्रबंधकों (General Managers) और मंडल रेल प्रबंधकों से सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 15 जोड़ी राजधानी ट्रेनें और 100 जोड़ी यात्री ट्रेनें बिना किसी देरी के साथ अपने टाइमटेबल पर चले. उन्होंने कहा है कि वर्तमान में रेल नेटवर्क पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या बहुत कम है, इसलिए समय की पाबंदी 100 प्रतिशत होनी चाहिए. चीन को हो सकता था फायदा, इसलिए रेलवे ने रद्द किया थर्मल कैमरों के लिए टेंडर
एक दिन पहले ही रेलवे ने निजी यात्री ट्रेने शुरू करने को हरी झंडी दी. एक जुलाई को रेलवे ने अपने नेटवर्क पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिये निजी इकाइयों को अनुमति देने की योजना पर औपचारिक रूप से फैसला लिया. इसके तहत यात्री ट्रेनों की आवाजाही को लेकर 109 रूट पर 151 आधुनिक ट्रेनों के जरिये परिचालन के लिए पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गये हैं.
इस बीच रेलवे की एक और सराहनीय पहल से कई राज्यों को राहत मिली है. भारतीय रेलवे ने बुधवार को बताया कि उसके कोविड-19 देखभाल डिब्बों में अब तक 118 मरीजों को भर्ती किया गया है, वहीं 72 को छुट्टी दे दी गयी है. राज्य सरकारों की जरूरत के आधार पर रेलवे ने पांच राज्यों में ऐसे 960 पृथक-वास कोच खड़े किए हैं.