Amarnath Cloudburst: बादल फटने से अब तक 16 की मौत, 40 से ज्यादा लापता, रेस्क्यू जारी

अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है.वहीं 45 से ज्यादा लोग घायल हुए है, जबकि 40 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं.

(Photo Credit : Twitter)

Amarnath Cloudburst: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है.वहीं 45 से ज्यादा लोग घायल हुए है, जबकि 40 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. मौके पर आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें इनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. Amarnath Cloudburst Video: अमरनाथ के पास बादल फटने का वीडियो आया सामने, एक झटके में सब कुछ बहा ले गया सैलाब

फिलहाल सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी और आसपास की अन्य सुविधाएं ली जा रही हैं. घायल मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है. गांदरबल के सीएमओ डॉ. शाह का कहना कि हमारे यहां 28 डॉक्टर, 98 पैरामेडिक्स, 16 एंबुलेंस मौजूद हैं. एसडीआरएफ की टीमें भी मौजूद हैं.

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर ने कर्मचारियों के सभी अवकाश रद्द कर दिए और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए.

खराब मौसम और बादल फटने की घटना को देखते हुए किसी भी तरह की मदद के लिए इन टेलीफोन नंबर्स पर संपर्क किया जा सकता है.

संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष पहलगाम

9596779039

9797796217

01936243233

01936243018

पुलिस नियंत्रण कक्ष अनंतनाग

9596777669

9419051940

01932225870

01932222870

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने राहत और बचाव कार्य के बारे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को भी सूचना दी है. LG की तरफ से बताया गया है कि सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और श्राइन बोर्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है. घायलों को बचाने के लिए ALH हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है. तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक मदद देने के निर्देश जारी किए गए हैं.

अमरनाथ यात्रा के दौरान पहले भी प्राकृतिक आपदा की घटनाएं सामने आई हैं. सबसे पहला बड़ा हादसा साल 1969 में हुआ था. साल 1969 के जुलाई महीने में भी अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बादल फटने की घटना हुई थी. तब इस हादसे में करीब सौ श्रद्धालुओं की जान चली गई थी. ये घटना अमरनाथ यात्रा के इतिहास की पहली बड़ी घटना भी मानी जाती है.

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