इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी की पुलिस हिरासत से किया इनकार
Allahabad High Court

लखनऊ, 18 नवंबर : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूछताछ के लिए दागी आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार को पुलिस हिरासत में देने से इनकार कर दिया है. पीठ ने कहा, यद्यपि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम अदालत, लखनऊ के विशेष न्यायाधीश ने पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत नहीं देने में त्रुटि की, लेकिन वह इस स्तर पर पुलिस हिरासत नहीं दे सकते, क्योंकि सीआरपीसी की धारा 167 (2) के बाद पुलिस हिरासत देने पर रोक लगा दी गई है. पुलिस अफसर की 15 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि, 13 नवंबर को समाप्त हो गई.

न्यायमूर्ति बी.आर. सिंह ने राज्य सरकार द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर आदेश पारित किया, जिसमें 9 नवंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें विशेष अदालत ने पाटीदार को पूछताछ के लिए हिरासत में देने की पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया था. अपने आदेश में अदालत ने, हालांकि राज्य सरकार को कोई अन्य कानूनी सहारा लेने की अनुमति दी, जो न्याय को हासिल करने को कानून के तहत उपलब्ध हो. गौरतलब है कि दो साल से अधिक समय तक फरार रहने के बाद पाटीदार ने 15 अक्टूबर को आत्मसमर्पण कर दिया था. यह भी पढ़ें : पहली बार, सेना की छह महिला अधिकारियों ने डीएसएससी परीक्षा उत्तीर्ण की

उत्तर प्रदेश कैडर के 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी पाटीदार, महोबा के एसपी के रूप में उस समय खबरों में थे, जब स्टोन क्रेशर डीलर इंद्रकांत त्रिपाठी द्वारा 8 सितंबर, 2020 को एक वायरल वीडियो अपलोड किया गया था, जिसमें त्रिपाठी ने अपनी जान को खतरा होने का दावा किया था और आरोप लगाया कि पाटीदार ने उनसे रिश्वत मांगी. कुछ घंटे बाद जब वह घर लौट रहे थे तो त्रिपाठी को गोली मार दी गई. बाद में उनकी मौत हो गई.