CAA विरोधी प्रदर्शन मामले में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी सशर्त जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को डॉक्टर कफील खान को सशर्त जमानत दे दी है. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी भाषण देने के आरोप में 29 जनवरी से जेल में बंद हैं. पिछले महीने खान को कथित तौर पर अवैध हिरासत के मामले में कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी.

डॉक्टर कफील खान ( फोटो क्रेडिट- PTI )

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मंगलवार को डॉक्टर कफील खान (Kafeel Khan) को सशर्त जमानत दे दी है. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी भाषण देने के आरोप में 29 जनवरी से जेल में बंद हैं. पिछले महीने खान को कथित तौर पर अवैध हिरासत के मामले में कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की बेंच ने डॉक्टर कफील की मां नुजहत परवीन की रिहाई की मांग वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया है. याचिका में दलील दी गई थी कि डॉक्टर कफील को एक सक्षम कोर्ट ने जमानत दी थी और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना था. लेकिन चार दिनों तक उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया और बाद में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगा दिया गया. इसलिए उनकी हिरासत अवैध है.

डॉक्टर कफील खान ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के दौरान 10 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर एक भाषण दिया था. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उस भाषण को भड़काऊ मानकर उन पर एनएसए यानि रासुका लगाया गया. डॉक्टर कफील खान की रिहाई मामले में केंद्र और राज्य से जवाब तलब

गौरतलब है कि मार्च महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और महानिदेशक (जेल) को कफील खान की पत्नी शबिस्ता खान ने पत्र लिखकर कहा है कि उसे डर है कि जेल में उसके पति को खतरा है, लिहाजा उन्हें अन्य कैदियों से अलग रखा जाए. हालांकि राज्य सरकार ने कफील की पत्नी के आरोप को खारिज कर दिया था.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए के विरोध में भड़काऊ भाषण देने पर अलीगढ़ पुलिस ने सिविल लाइंस पुलिस थाना में खान पर 13 दिसंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धार्मिक आधार पर दो समुदायों में वैमनस्यता फैलाने) के तहत मामला दर्ज किया था. इसके बाद 29 जनवरी को उसे उत्तर प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स ने मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था.

एफआईआर के अनुसार, छात्रों को संबोधित करते हुए कफील ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि 'मोटा भाई सबको हिंदू या मुस्लिम बनने के लिए बोल रहे हैं न कि इंसान बनने के लिए. यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है. हमें यह लड़नी है.'

उल्लेखनीय है कि डॉ कफिल का नाम 2017 में गोरखपुर के एक अस्पताल में बड़ी संख्या में बच्चों की संदिग्ध मौत होने के मामले में सुर्खियों में आए थे. हालांकि खान को बाद में क्लीनचिट मिल गई थी. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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