लखनऊ, 20 मई : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हो चुके हैं. पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लंबी चुप्पी के बाद आजम की रिहाई पर खुशी जाहिर की है. आजम की रिहाई पर अखिलेश यादव की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आने पर कई कयास लगाए जा रहे थे, हालांकि उन सभी पर विराम लगाते हुए सपा मुखिया ने शुक्रवार को ट्वीट कर आजम का स्वागत किया है. अखिलेश ने लिखा, सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक आजम खान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है. जमानत के इस फैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नए मानक दिए हैं. पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुकदमों में बाइज्जत बरी होंगे. झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं!
आजम खान को जमानत मिलने के बाद करीब 20 घंटे तक अखिलेश यादव चुप्पी साधे रहे. पार्टी के इतने वरिष्ठ नेता की रिहाई पर अध्यक्ष की चुप्पी से सभी हैरान थे. इस बीच शिवपाल यादव काफी एक्टिव हैं. उन्होंने आजम के जेल से बाहर निकलते ही जहां इसे सत्य की जीत बताकर सरकार पर निशाना साधा तो अपने पुराने साथी के स्वागत के लिए जेल के दरवाजे तक पहुंच गए. इससे उन अटकलों को काफी बल मिला है, जिनमें कहा जा रहा है कि शिवपाल और आजम साथ मिलकर कोई नया मोर्चा बना सकते हैं. यह भी पढ़ें : Gyanvapi Masid Case: ज्ञानवापी विवाद मामले में आज का दिन अहम, SC में दोपहर 3 बजे से होगी सुनवाई
जेल से रिहाई के बाद सपा नेता आजम खां सबसे पहले पूर्व सपा विधायक अनूप गुप्ता के घर पहुंचे. यहां समर्थकों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया. समर्थकों का बड़ा हुजूम आजम के पहुंचने से पहले ही वहां मौजूद था. उनके समर्थक आजम खां जिंदाबाद और आजम तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं के नारे लगाते नजर आए. करीब आधे घंटे रहने के बाद आजम यहां से रवाना हो गए. भीड़ के चलते उन्हें अपनी कार तक पहुंचने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा. इस बीच मीडिया ने फिर से उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वह कुछ नहीं बोले.
ज्ञात हो सपा विधायक आजम खां को 27 फरवरी 2020 में सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया था. पत्नी तजीन फात्मा व बेटा अब्दुल्ला आजम भी सीतापुर जेल भेजे गए थे. करीब 10 माह बाद पत्नी तजीन फात्मा को जमानत मिल गई थी. अब्दुल्ला आजम 15 जनवरी 2022 को रिहा हुए थे. जमानत मिलने के बाद आजम खां करीब 27 महीने बाद रिहा हो हुए हैं. जेल में बंद आजम खां ने विधानसभा चुनाव भी जेल से ही लड़ा. चुनाव जीतकर वह रामपुर सदर सीट से विधायक बने.