Maharashtra Politics: अजित पवार ने चार दिन में तीसरी बार चाचा शरद पवार से की मुलाकात, सियासत गरमाई
अलग हुए समूह के नेता और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार दोपहर को यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से चार दिन में तीसरी बार मुलाकात कर चकित कर दिया
मुंबई, 17 जुलाई: अलग हुए समूह के नेता और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार दोपहर को यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से चार दिन में तीसरी बार मुलाकात कर चकित कर दिया मुख्य सामग्री: दो दर्जन से अधिक विधायकों, अपने गुट के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और अन्य लोगों के साथ अजित पवार अचानक सीनियर पवार से मिलने के लिए नरीमन प्वाॅइंट स्थित वाई.बी. चव्हाण केंद्र पहुंचे इस मुलाकात का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि अजित पवार राकांपा द्वारा दिए गए अयोग्यता के नोटिस से चिंतित है. यह भी पढ़े: Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बढ़ी हलचल, शरद पवार से मिलने YB चव्हाण सेंटर पहुंचे अजित-प्रफुल्ल समेत सभी बागी नेता
शरद पवार की ओर से प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जितेंद्र अवहाद और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे आज की बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले अजित पवार ने अपनी मंत्रिस्तरीय टीम और अन्य नेताओं के साथ रविवार दोपहर को शरद पवार को फोन किया था, इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी.
रविवार की बैठक के बाद, पटेल ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे शरद पवार का आशीर्वाद लेने और बिखरी हुई राकांपा के लिए एकता के प्रयास करने के लिए गए थे उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सीनियर पवार ने उनकी बात धैर्यपूर्वक सुनी, लेकिन उनके अनुरोध पर कोई वादा नहीं किया.
सोमवार (17 जुलाई) की बैठक के बारे में मंत्री दिलीप वाल्से-पाटिल ने कहा कि पार्टी विधायक शरद पवार से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने के इच्छुक हैं वाल्से-पाटिल ने दो दिनों में दो बैठकों में मुस्कुराते हुए कहा, "आखिरकार, हम अभी भी एक ही पार्टी में हैं," जबकि उनके सहयोगी मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि पटेल और अजीत पवार दिन में सभी संदेह स्पष्ट कर देंगे.
इससे पहले, पिछले शुक्रवार को अजित पवार अपनी बीमार चाची प्रतिभा पवार से मिलने गए थे, जहां उन्होंने शरद पवार और एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सांसद सुप्रिया सुले से भी उनके घर पर मुलाकात की थी 1 जुलाई को उनके और उनके समर्थकों के एनसीपी छोड़ने और 2 जुलाई को डिप्टी सीएम और मंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी, इससे राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया.