रूस से भारत को मिलेगा S-400 मिसाइल सिस्टम जिससे तबाह होगा दुश्मन, अमेरिका और PAK की बढ़ी चिंता

अमेरिका इस डील के खिलाफ है क्योंकि वह चाहता है कि भारत S-400 की जगह उसका बनाया थाड (THAAD-टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम खरीदे. भारत पर वह लगातार दबाव भी बनाता रहा है लेकिन थाड की डील नहीं हुई और एक-दो दिन के अंदर S-400 पर बात बन जाएगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन (Photo Credit-Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) आज से दो दिन के भारत दौरे पर हैं. इसी कड़ी में बताना चाहते है कि अमेरिका जिसको लेकर लगातार भारत को आगाह कर रहा है, संभवतः भारत, रूस के साथ 5 अक्टूबर को इस डील को पूरा कर देगा. ज्ञात हो कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 अक्टूबर को भारत के दौरे पर रहेंगे. गौरतलब है कि अमेरिका इस डील को लेकर भारत को धमकी भरे अंदाज में आगाह कर चुका है.

पुतिन आज पीएम आवास पर नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात करेंगे. पुतिन 19वीं भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए भारत आ रहे हैं. इस दौरान पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति कोविंद से भी मुलाकात करेंगे. भारत उन देशों में शामिल है जिनके साथ भारत की सालाना द्विपक्षीय वार्ता होती है. यह भी पढ़े-रूस के राष्ट्रपति पुतिन आज से दो दिन के भारत दौरे पर, 37 हजार करोड़ रुपये की S-400 डील होगी फाइनल

थाड मिसाइल और एस- 400 (Photo Credit-Wikimedia Commons)

अमेरिका इस डील के खिलाफ है क्योंकि वह चाहता है कि भारत S-400 की जगह उसका बनाया थाड (THAAD-टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम खरीदे. भारत पर वह लगातार दबाव भी बनाता रहा है लेकिन थाड की डील नहीं हुई और एक-दो दिन के अंदर S-400 पर बात बन जाएगी.

एस-400 और थाड दोनों एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली हैं लेकिन दोनों की मारक क्षमता में काफी अंतर है. S-400 300 किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकता है. यह 'फायर एंड फॉरगेट' की नीति पर काम करता है. S-400 जहां कई स्तर के डिफेंस सिस्टम पर काम करता है, तो थाड सिंगल लेयर डिफेंस प्रणाली है.

प्रत्‍येक एस 400 ट्रायम्‍फ में आठ मिसाइल लांचर होते हैं. इससे 400 मिसाइलों को लांच किया जा सकता है. इसमें एक कमांड सेंटर और उच्‍च क्षमता वाला रडार होता है. यह मस्‍ट युक्‍त होता है. इस मस्‍ट में 72 मिसाइलें आ सकती है. यह भी पढ़े-रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले महीने आएंगे भारत, पीएम मोदी के साथ करेंगे वार्ता, करेंगे निवेश

बता दें कि थाड (THAAD) जहां 3 हजार मीटर प्रति सेकेंड की गति से आते खतरों को भेद सकता है, तो S-400 4,800 मीटर प्रति सेकेंड वाले टारगेट को आसानी से तबाह कर सकता है. S-400 ट्रंफ मिसाइल एक साथ 100 हवाई खतरों को भांप सकता है और अमेरिका (America) निर्मित एफ-35 जैसे 6 लड़ाकू विमानों को एक साथ दाग सकता है.

दोनों मिसाइल सिस्टम की कीमतों की तुलना करें, तो 6 लॉन्चर और 8 इंटरसेप्टर के साथ एक थाड की कीमत 2-3 अरब डॉलर है, जबकि S-400 8 लॉन्चर और चार इंटरसेप्टर के साथ 500 मिलियन डॉलर में खरीदा जा सकता है. कुल मिलाकर S-400 थाड (THAAD) की तुलना में 6 गुना सस्ता है.

-चीन और तुर्की के बाद इंडिया डील करने वाला तीसरा देश.

चीन और तुर्की के बाद रूस के साथ एस-400 डील करने वाला भारत तीसरा मुल्‍क है. यानी भारत दुनिया का तीसरा मुल्‍क बन गया है जिसके पास यह मिसाइल सिस्टम मौजूद होगा. सऊदी अरब (Saudi Arabia) के साथ भी इस मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर बात चल रही है.

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