Farmers Protest: जानेमाने कृषि पत्रकार पी. साईंनाथ का बड़ा बयान, कहा- किसानों को जन समर्थन मिलता देख डर गई है सरकार

किसानों को जन समर्थन मिलता देख डर गई है सरकार : पत्रकार साईंनाथ

किसान आंदोलन (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली: जानेमाने कृषि पत्रकार पी. साईंनाथ (Agricultural journalist P. Sainath) ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन और कॉर्पोरेट कंपनियों के खिलाफ किसानों की सीधी लड़ाई बताते हुए कहा कि्र 'सरकार समाज के सभी वर्गो से किसानों को मिल रहे व्यापक समर्थन को देखकर डर गई है।' वर्ष 2007 के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता साईंनाथ ने कृषि संकट और किसानों के कल्याण के लिए विशेष संसद सत्र बुलाने और मांग पूरी करने के लिए जिला समितियों का गठन करने की अपील की. 'एवरीबडी लव्स ए गुड ड्राई' पुस्तक के लेखक व प्रख्यात पत्रकार ने लोगों से किसानों के मुद्दे पर उनके साथ खड़े रहने का आह्वान किया और कहा कि किसान अंतत: जनता के लिए ही लड़ रहे हैं.

साईंनाथ शनिवार को अहमदाबाद में गुजरात खेड़त समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह आयोजन नए कृषि कानूनों के संदर्भ में आयोजित किया गया था. उन्होंने कहा, "मैं पूछता हूं कि अगर इस समय महात्मा गांधी होते तो किस तरफ खड़े होते? हमें किस तरफ खड़े होना चाहिए? क्या सरकार की तरफ, जो कॉरपोरेट्स का पक्ष ले रही है या उस तरफ, जहां 200 के करीब किसान एक कारण से शहीद हो रहे हैं?" यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी यूपी में तीन दिन में तीसरी महापंचायत, जुटे हजारों लोग

साईंनाथ ने कहा, "लोगों को अभी तय करना चाहिए, क्या हम कॉर्पोरेट द्वारा संचालित कृषि चाहते हैं या किसानों द्वारा संचालित कृषि? यह अभी हमारे लिए एक अपरिहार्य प्रश्न है. कृषि पत्रकार ने कहा, "समाज के सभी वर्गो के लोग दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दे रहे हैं और यही कारण है कि सरकार डर गई है. उन्होंने कहा, "मेरे पूरे पत्रकारिता जीवन में, मैंने कभी इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन और दिल्ली की सीमाओं पर इतनी बड़ी संख्या में किसानों का जुटान नहीं देखा. वहां शांतिपूर्ण आंदोलन किया जा रहा है.

यह पूछे जाने पर कि नए कृषि कानून लागू होने पर क्या फर्क पड़ेगा, साईंनाथ ने कहा, "यह 3 से 4 वर्षो के भीतर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को नष्ट कर देगा. पहले 2 से 3 साल यह सब अच्छा लगेगा, लेकिन इसके बाद फैसले कॉर्पोरेट लेने लगेंगे और सरकार कॉर्पोरेट्स से अनाज खरीदने के लिए मजबूर कर देगी.

Share Now

\