भोपाल: बच्चों का पसंदीदा नास्ता मैगी के हेल्दी होने के दावे पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है. दरअसल मध्य प्रदेश के छतरपुर में मैगी खाने से एक ही परिवार के नौ बच्चे बीमार हो गए है. जानकारी के मुताबिक सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और सबकी हालत गंभीर बनी हुई है.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक छतरपुर जिले की नौगांव तहसील के गांव बंछोरा निवासी एक परिवार की है. बीमार हुए बच्चों के कहने के बाद एक महिला शनिवार की रात को पास के ही एक दुकान से दस पैकेट मैगी खरीदकर लेकर आई थी. जिसको खाने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी. उसने तुरंत बाद इसकी सूचना पड़ोस के लोगों को दी गई और फिर पड़ोसियों की मदद से तुरंत एंबुलेंस के जरिए बच्चों को अस्पताल में पहुंचाया गया.
Chhatarpur: 9 children of a family fell ill after consuming food (maggi) last night; all 9 have been referred to Gwalior Medical College after their condition deteriorated. #MadhyaPradesh
— ANI (@ANI) July 8, 2018
मैगी नूडल्स की गुणवत्ता को लेकर पहले भी देशभर में सवाल उठ चुके है. कुछ महीने पहले ही मैगी के सैंपल फेल होने के बाद नेस्ले पर 35 लाख का जुर्माना लगाया गया था. कंपनी पर ये जुर्माना मैगी ब्रांड के कई उत्पादों के नमूनों में एश कंटेट की मात्रा निर्धारित मानक से कई गुना अधिक पाए जाने पर लगाया गया. बता दें कि मैगी के जो नमूने जांच में फेल हुए, वे नेस्ले कंपनी की पंजाब के मोगा शहर और उत्तराखंड में पंतनगर स्थित फैक्ट्रियों में बनाए गए थे.
वहीं नेस्ले कंपनी अपने मैगी प्रोडक्ट को सेहतमंद होने का दावा करती है. नेस्ले ने कहा था कि वह आने वाले 12 से 18 महीनों के भीतर मैगी में साल्ट कॉन्टेंट को 10 फीसदी तक कम कर देगी. कंपनी के मुताबिक पिछले कुछ सालों के दौरान कंपनी ने मैगी में इसकी मात्रा को 33 फीसदी तक कम किया है. इससे पहले कंपनी ने साल्ट कॉन्टेंट की मात्रा कम कर इसमें आयरन बढ़ाया था.