Mumbai Shocker: स्कूल के कैंटीन में गंदी हरकत करते हैं अंकल...16 साल के लड़के ने 7 साल की बच्ची का किया यौन शोषण

एक निजी स्कूल के कैंटीन में काम करने वाले 16 साल के नाबालिग लड़के द्वारा 7 साल की बच्ची के यौन शोषण की घटना सामने आई है. बच्ची ने खुलासा किया 'अंकल' गंदी हरकत के जरिए उसे परेशान करते थे.

प्रतिकात्मक तस्वीर

वसई: मुंबई के वसई इलाके में एक निजी स्कूल के कैंटीन में काम करने वाले 16 साल के नाबालिग लड़के द्वारा 7 साल की बच्ची के यौन शोषण की घटना सामने आई है. यह घटना दो हफ्तों तक चली और जब बच्ची ने कैंटीन जाने से इंकार कर दिया, तो उसकी कक्षा की शिक्षिका को शक हुआ. शिक्षिका ने मामले की जांच की और बच्ची ने खुलासा किया कि उसे कैन्टीन के 'अंकल' द्वारा परेशान किया जा रहा था.

शिक्षिका ने तुरंत स्कूल के प्रधानाचार्य को इस बारे में सूचित किया, जिन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्ची के माता-पिता को सूचित किया. माता-पिता की शुरुआत में हिचकिचाहट के बावजूद, प्रधानाचार्य ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आरोपी को अब एक रिमांड होम में हिरासत में लिया गया है और भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत आरोपित किया गया है.

कश्मीरा में 12 वर्षीय लड़की का यौन शोषण

एक अन्य घटना में, एक 25 वर्षीय डिलीवरी मैन को कश्मीरा में एक 12 वर्षीय लड़की के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी, जो एक प्रसिद्ध ऑनलाइन खाद्य आदेश और डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर काम करता था, ने लड़की को अकेला पाकर उसके घर में घुस गया और उसका शोषण किया. आरोपी ने लड़की के पिता को देखते ही मौके से भागने की कोशिश की.

इस घटना की जानकारी केवल तब मिली जब लड़की की मां रात करीब 11:14 बजे घर आई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को उसकी बगल की कॉलोनी में गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 74 (अश्लीलता की मंशा से हमला), 75 (यौन उत्पीड़न) और 333 (घर में घुसपैठ) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मामले की जांच और गिरफ्तारियां

पुलिस निरीक्षक राजेंद्र कांबले के तहत कश्मीरा पुलिस स्टेशन ने मामले की गंभीरता से जांच की. आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. लड़की के चार भाई-बहन हैं और उसके पिता एक चित्रकार के रूप में काम करते हैं, जबकि मां एक रेस्तरां में खाना बनाती हैं.

यह घटनाएँ मुंबई और उसके आस-पास के इलाकों में बच्चों की सुरक्षा की स्थिति को लेकर गंभीर प्रश्न उठाती हैं और समाज में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर करती हैं.

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