एक लापरवाही ने ली जान! MRI स्कैन के दौरान महिला की मौत, टेस्ट से पहले कौन-कौन सी सावधानियां जरूरी?

आंध्र प्रदेश में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 60 वर्षीय नल्लागुचु रमा तुलसम्मा की MRI स्कैन के दौरान संदिग्ध लापरवाही के कारण मौत हो गई. यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है.

कैसे हुई घटना?

तुलसम्मा पहले से डायलिसिस पर थीं और उनके शरीर में पेसमेकर लगा था. डॉक्टरों ने उन्हें MRI स्कैन कराने की सलाह दी थी, जिसके लिए वे अपने पति कोटेश्वर राव के साथ एक स्थानीय डायग्नोस्टिक सेंटर गईं.

MRI प्रक्रिया के दौरान तुलसम्मा को असहजता महसूस हुई, जिसे उनके पति ने तुरंत टेक्नीशियन को बताया, लेकिन आरोप है कि टेक्नीशियन ने समय रहते प्रतिक्रिया नहीं दी.

सबसे बड़ी चूक यह थी कि डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मचारियों ने न तो तुलसम्मा के पेसमेकर को पहचाना और न ही उनके डायलिसिस प्लग पर ध्यान दिया. MRI मशीन की मजबूत चुंबकीय शक्ति के कारण तुलसम्मा को गंभीर समस्या हुई और स्कैन खत्म होने के बाद उन्हें मृत पाया गया.

MRI स्कैन के दौरान किन सावधानियों का पालन करें?

MRI एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें कई एहतियात बरतना जरूरी होता है.

धातु के सामान हटाएं – स्कैन से पहले गहने, घड़ी, बेल्ट, चश्मा और अन्य धातु से बनी चीजें हटा दें, क्योंकि MRI मशीन की चुंबकीय शक्ति इन्हें प्रभावित कर सकती है.

मेडिकल उपकरणों की जानकारी दें – यदि मरीज के शरीर में पेसमेकर, कृत्रिम जोड़, धातु की प्लेट, कोक्लियर इम्प्लांट या अन्य कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगा हो, तो डॉक्टर और रेडियोलॉजिस्ट को इसकी जानकारी अवश्य दें.

गर्भवती महिलाएं और किडनी रोगी रहें सतर्क – गर्भवती महिलाओं, गुर्दे की बीमारी से पीड़ित लोगों और क्लॉस्ट्रोफोबिया (संकुचित स्थानों का डर) से ग्रसित मरीजों को स्कैन से पहले रेडियोलॉजिस्ट को सूचित करना चाहिए.

शरीर को स्थिर रखें – MRI स्कैन के दौरान हिलने-डुलने से छवियां धुंधली आ सकती हैं, जिससे रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है.

आपातकालीन अलार्म का उपयोग करें – MRI मशीन में आपातकालीन बटन दिया जाता है. यदि मरीज को किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस हो, तो तुरंत तकनीशियन को सूचित करें.

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना इस बात को रेखांकित करती है कि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों को अधिक सतर्क और जिम्मेदार होना चाहिए. MRI जैसे संवेदनशील परीक्षण के दौरान चिकित्सकों और तकनीशियनों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है.