गुजरात के गिर में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस से दम तोड़ रहे है जंगल के शेर, जानिए क्या है यह बीमारी

देश में शेरों की जनसंख्या कम होने को लेकर भारत सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इसके बाद भी देश में शेरों की जनसंख्या में इजाफा नहीं हो रहा है. इस बीच खबर है कि गुजरात के मशहूर गिर अभयारण्य में खतरनाक कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) और प्रोटोजोवा संक्रमण के कारण अब तक 23 शेरों की मौत हो चुकी है

शेर (Photo Credits wikipedia)

गांधीनगर: देश में शेरों की जनसंख्या लगातार कम होने को लेकर भारत सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इसके बाद भी देश में शेरों की जनसंख्या में इजाफा नहीं हो रहा है. इस बीच खबर है कि गुजरात के मशहूर गिर के अभयारण्य में खतरनाक बीमारियों में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) और प्रोटोजोवा संक्रमण के कारण 25 दिन में 23 शेरों की मौत हो चुकी है. जिसके बाद अब इस अभायरण्य में अब केवल 3 ही शेर बचे है.

सीडीवी वायरस क्या है यह कैसे फैलता है हम आपको इसके बारे में बतातें है विस्तार से

क्या है कैनाइन डिस्टेंपर वायरस

कैनाइन डिस्टेंपर वायरस एक खतरनाक किस्म का संक्रमण वायरस है. जो तेजी के साथ फैलता है. इस बीमारी के बारे में कहा जाता है. यह एक बार जानवरों मे फ़ैल जाने के बाद उसे बचा पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. यह बिमारी मुख्यतः कुत्तों में पाई जाती है. लेकिन दूसरे अन्य जानवर भेड़िया, लोमड़ी जैसे जानवरों में भी यह बीमारी पाई जाती है. लेकिन यह बीमारी अब शेरों में भी पाया जाने लगा है.यह भी पढ़े: पाक सहित 124 देशों के गायकों ने गाया बापू का प्रिय भजन ‘वैष्‍णव जन तो’, PM मोदी ने किया लांच

कैसे फैलती है बीमारी

यह बीमारी इन जानवरों में फैलता है तो सबसे पहले जानवरों के टॉन्सल, लिंफ (नसों में बहने वाला खास तरल) पर हमला करता है. इसके  बाद धीरे-धीरे यह जानवर के श्वास नली, किडनी और लिवर पर हमला करने के बाद यह वायरस जानवर के मस्तिष्क तक पहुंच जाता है. यह बीमारी तुरंत से सामने नही आता है. बल्कि वायरस फैलने के एक हफ्ते बाद यह बीमारी सामने आता है. जिसके बाद कुत्ता हो या फिर दूसरा जानवर उसकी बाद में मौत हो जाती है. यह बीमारी हवा के साथ वायरस फैलने या फिर इस बीमारी से ग्रसित जानवर को के दूसरे के संपर्क में आने से भी फैलता है.

बीमारी के लक्षण

कैनाइन डिस्टेंपर वायरस नाम की बीमारी जानवर में फैलने के बाद जानवर का तेज बुखार आने लगता है.इसके बाद उसकी आंखे लाला हो जाती है. आखं और नाक से पानी आने लगता है. इसके साथ ही जानवरों को कफ, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है. इसके कारण जानवर सुस्त पड़ने लगता है. कैनाइन डिस्टेंपर वायरस नाम के बीमारी से जानवर ग्रसित है इसका पता बॉयोकेमिकल टेस्ट और यूरिन की जांच करवाने के बाद पता ही चलता है. यह भी पढ़े: भूकंप, सुनामी से तबाह इंडोनेशिया: मदद न मिलने पर भीख मांगने को मजबूर हैं पीड़ित

गुजरात के गिर में 25 दिन में 23 शेरों की मौत

शेरों के रख रखाव के लिए मशहूर गुजरात के गिर के अभयारण्य में कुल 26 शेर थे. लेकिन पिछले 12 सितंबर से कैनाइन डिस्टेंपर वायरस और प्रोटोजोआ इंफेक्शन से 23 शेरों की मौत हो चुकी है. बाकी 3 शेर और बचे हुए है. मरने वाले शेरों में 4 शेरों की मौत कैनाइन डिस्टेंपर वायरस से हुआ है. जबकि 17 अन्य शेरों की मौत प्रोटोजोआ इंफेक्शन से हुआ है.

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