नई दिल्ली: हमारे देश के अलग-अलग जगहों से आए दिन खबर आती है कि गौ तस्करी के आरोप में भीड़ ने पीट-पीट कर किसी शख्स की हत्या कर दी, लेकिन फिलहाल देश में ऐसे हालात हैं जहां गाय भी सुरक्षित नहीं है. इसी कड़ी में बताना चाहते है कि राजधानी दिल्ली के द्वारका जिले के थावला थाना इलाके के घुम्मन हेरा गांव में एक गौशाला में 36 गाय के मरने का मामला सामने आया है. गांव वालों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यहां पर डेढ़ से दो हजार गायों को रखा जाता है लेकिन उनके खान-पान रखरखाव और स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखा जाता. गायों की मौत की यह बड़ी वजह है.
खबरों की मानें तो लगभग 9 एकड़ में गौशाला की बाउंड्री है और करीब 20 एकड़ में जमीन पर गौशाला बनी हुई है. यह गौशाला एक ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही है. स्थानीय लोगों का मानना है कि इस गोशाला के नाम पर एमसीडी से अनुदान भी मिलता है. गौशाला में काफी पानी भरा है और गंदगी भी है. साथ ही मच्छर भी काफी ज्यादा हैं. गायों की मौत के पीछे गंदगी और कीचड़ से हुए संक्रमण को वजह माना जा रहा है.
36 cows have died in last 2 days in a Gaushala in Delhi's Chhawla area. A worker at the cowshed says, 'water motor hasn't been working for past 2 days. No one listens to us. We try to do our best but no doctor is available for the cows' pic.twitter.com/bfiwEeUwPZ
— ANI (@ANI) July 27, 2018
बता दें कि गुम्मनहेड़ा इलाके छावला में कुल 36 गायों की मौत हुई है. गायें आचार्य सुशील की बताई जा रही हैं. डीसीपी ने कहा कि शुरुआती तौर पर लग रहा है सभी गायों की मौत बीमारी की वजह से हुई है. गौशाला के आसपास भी पानी भरा हुआ था.
लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से बरसात को ध्यान में रखकर कोई कदम नहीं उठाया गया. गौशाला में इंतजाम नहीं होने के कारण बारिश के बाद हालात बदत्तर हो गए और गायों की मौत हो गई.
वहीं दूसरी तरफ साउथ एमसीडी के मेयर नरेंद्र चावला का कहना है कि जहां गायों की मौत हुई है वो गौशाला दिल्ली सरकार के अधीन है. हम केवल आवारा/ बीमार गायों को ठेकेदारों के मार्फत वहां भिजवा देते हैं. गौशाला का प्रशासन, संचालन, रखरखाव सबकुछ दिल्ली सरकार के अधीन है.