देहरादून, नौ नवंबर: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के 21वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को राज्य के आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने तथा प्रत्येक जिला मुख्यालय में अध्ययनरत छात्राओं के लिए महिला छात्रावास बनाने सहित कई घोषणाएं की. यहां पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य समारोह में धामी ने कहा कि जिन आंदोलनकारियों को 3,100 रुपये की पेंशन प्राप्त हो रही है, उसे बढ़ाकर 4,500 रुपये तथा जिन्हें 5,000 रुपये पेंशन प्राप्त हो रही है, उसे बढ़ाकर 6,000 रुपये किया जायेगा. Uttarakhand: 'मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो योजना' में अब 50 हजार तक मिल सकेगा लोन, छोटे व्यवसायियों को मिलेगी बड़ी सहायता.
उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिला मुख्यालय में अध्ययनरत छात्राओं की शिक्षा को सुगम एवं सुविधायुक्त बनाने हेतु महिला छात्रावास का निर्माण किया जायेगा. इसके अलावा आवश्यकतानुसार जिला मुख्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए भी छात्रावास बनाए जाएंगे.
धामी ने कहा कि 'ईजा-बोई शगुन' योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य हेतु अस्पतालों में 48 घंटे रुकने वाली प्रसूता महिला को उपहार में 2,000 रुपये दिए जाएंगे .
उन्होंने कहा कि 11 से 18 वर्ष की किशोरियों को सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीन की स्थापना की जायेगी जबकि उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हीमोग्लोबीन आदि की निशुल्क जांच की जाएगी तथा निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श भी उपलब्ध कराया जायेगा.
धामी ने कहा कि देहरादून और हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की जायेगी. उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान सराहनीय कार्य के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों को 10,000 रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने की भी घोषणा की.
उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने हेतु विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा.
धामी ने कहा कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य और पर्यटन से राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने हेतु राज्य को आयुष आरोग्य का केंद्र बनाया जाएगा जिसके तहत गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक गृहों में आयुष आरोग्य केंद्र खोले जाएंगे.
धामी ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा कार्यकाल दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित रहा है और यह पहली सरकार है जिसने पलायन को गंभीरता से लिया तथा प्रदेश की तरफ लौटाव को साकार करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित राज्य स्थापना दिवस समारोह में भी हिस्सा लिया.
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