15 घंटे की शिफ्ट में मानसिक उत्पीड़न, रोने पर मजबूर हुआ गाली-गलौज से परेशान टेक कर्मचारी, स्टार्टअप में दुर्व्यवहार की दर्दभरी कहानी
एक भारतीय टेक कर्मचारी ने अपने स्टार्टअप के सह-संस्थापक पर मानसिक उत्पीड़न और 15 घंटे की शिफ्ट में काम करवाने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि एक वीडियो कॉल के दौरान अभद्र व्यवहार के चलते वे रो पड़े और मानसिक दबाव महसूस किया.
नई दिल्ली: भारतीय टेक कर्मचारी ने हाल ही में Reddit पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अपने स्टार्टअप के सह-संस्थापक पर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया. इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि कैसे एक वीडियो कॉल के दौरान संस्थापक के बर्ताव ने उन्हें रोने पर मजबूर कर दिया.
टेक कर्मचारी ने लिखा, "मैं Google Meet पर टेक लीड के सामने रो पड़ा. अब मैं इसका सामना कैसे करूं, समझ नहीं आ रहा." उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी के तीन सह-संस्थापकों में से एक टेक लीड के रूप में काम करते हैं और अक्सर कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार करते हैं.
15 घंटे की शिफ्ट और स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टेक लीड उन्हें और अन्य कर्मचारियों को 15 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन काम के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं देते. उस घटना को याद करते हुए, जिसने उन्हें रुला दिया, उन्होंने बताया कि जब उन्होंने प्रोजेक्ट पर निर्देशों की कमी की शिकायत की, तो उन्हें मदद के बजाय मौखिक गाली दी गई.
"मैं मानसिक रूप से काम करने की स्थिति में नहीं था"
टेक कर्मचारी ने आगे लिखा, "मैं अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाया और रोने लगा. मैं मानसिक स्थिति में काम करने लायक नहीं था, इसलिए मैंने कुछ घंटे बाद छुट्टी लेने का निर्णय लिया."
सोशल मीडिया पर मिला समर्थन
इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर लोगों ने भारी समर्थन जताया. कई यूजर्स ने उन्हें तनाव से निपटने, आत्म-विश्वास बढ़ाने और नई नौकरी खोजने की सलाह दी.
एक यूजर ने लिखा, "दोस्त, तुम ठीक हो. अपनी भावनाओं को महसूस करना और व्यक्त करना ठीक है. जो तुम्हारी भावनाओं को नहीं समझते, उनकी परवाह मत करो." दूसरे ने सुझाव दिया, "उस जगह से बाहर निकलने की कोशिश करो. वे तुम्हें सिर्फ एक संसाधन के रूप में देखते हैं और जितना हो सके, शोषण करेंगे."
i cried on google meet in front of tech lead, do not know how to face it now
नई शुरुआत की योजना
पोस्टर ने बाद में एक फॉलो-अप टिप्पणी में सबका आभार व्यक्त किया. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने घटना के बाद अपने बॉस से एक और वीडियो कॉल की, जिसमें उन्होंने आत्मविश्वास से अपनी सीमाएं स्पष्ट कीं. साथ ही उन्होंने यह भी साझा किया कि वह नई नौकरियों के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं.
काम का दबाव और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
यह घटना उन कर्मचारियों की कठिनाइयों को उजागर करती है, जो स्टार्टअप्स में लंबे घंटों और अस्वस्थ माहौल में काम कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और समय पर सही निर्णय लेना बेहद जरूरी है.
कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा आज के समय की जरूरत बन गई है. इस घटना ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है.