दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने कुख्यात हवाला ऑपरेटर नरेश जैन को किया गिरफ्तार, 96 करोड़ रुपये से अधिक अवैध लेनदेन का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कहा है कि उसने कुख्यात हवाला ऑपरेटर नरेश जैन को गिरफ्तार किया है. जैन पर 600 खातों का उपयोग करके भारत में 96,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध लेनदेन कराने का संदेह है. ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि एजेंसी ने जैन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है और दिल्ली की एक अदालत ने उसे 9 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
नई दिल्ली, 3 सितंबर : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कहा है कि उसने कुख्यात हवाला ऑपरेटर नरेश जैन को गिरफ्तार किया है. जैन पर 600 खातों का उपयोग करके भारत में 96,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध लेनदेन कराने का संदेह है. ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि एजेंसी ने जैन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है और दिल्ली की एक अदालत ने उसे 9 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
अधिकारी ने बताया कि जैन ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 600 से अधिक बैंक खातों के जरिए भारत में 96 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेनदेन की सुविधा दी. इस दौरान 11,800 करोड़ रुपये 114 विदेशी बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए. जैन को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज एक मामले के बाद गिरफ्तार किया गया था.
अधिकारी ने दावा किया कि जैन ने कथित तौर पर शेल कंपनियों, टूर-एंड-ट्रैवल फर्मों और औपचारिक बैंकिंग नेटवर्क के जरिए हवाला चैनलों के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने का एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट चलाया. इसके लिए तमाम जाली दस्तावेजों का उपयोग किया गया.
जांच में पता चला है कि 970 से अधिक लाभार्थियों को 18,680 करोड़ रुपये की एकोमोडेशन एंट्रीज देने के लिए 96 हजार करोड़ रुपये के फंड को घुमाने के लिए 450 शेल कंपनियों का उपयोग किया है.
दिल्ली का यह बिजनेसमैन पिछले कुछ समय से जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में है. 2016 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए वित्तीय जांच एजेंसी ने उस पर 1,204 करोड़ रुपये का दंड लगाया था.
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अधिकारी ने कहा कि जैन ने प्रतिबंधित चीजों के नेटवर्क को भी वित्तपोषित किया था और 6 दिसंबर 2009 को उसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था. इसके बाद उसे ईडी ने गिरफ्तार किया है. वह एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रह चुका है.यह भी बताया गया है कि इटली और यूएई की कानून प्रवर्तन एजेंसियां भी उसका पीछा कर चुकी हैं. वह अमेरिका और ब्रिटेन में भी अधिकारियों के संदेह के घेरे में आ चुका है.