TV Serial On Atal Bihari Vajpayee: 'चिंगारी से शोला' कैसे बने अटल बिहारी बाजपेयी? असल जिंदगी की अनसुनी कहानियां लेकर आ रहा है ये टीवी सीरियल

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जिंदगी पर आधारित सीरियल 'अटल' का प्रसारण जल्द ही &TV पर किया जाएगा. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री के बचपन से लेकर राजनीतिक तक के सफर के बारे में दर्शाया जाएगा.

(Photo : X)

TV Serial Atal: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जिंदगी पर आधारित सीरियल 'अटल' का प्रसारण जल्द ही &TV पर किया जाएगा. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री के बचपन से लेकर राजनीतिक तक के सफर के बारे में दर्शाया जाएगा. भारत में ब्रिटिशराज की पृष्ठभूमि पर आधारित यह शो आपको अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की उन घटनाओं, मान्यताओं और चुनौतियों के बारे में बताएगा, जिसकी वजह से एक ऐसे नेता का जन्म हुआ, जिसे हम आज जानते हैं.

शो की कहानी में अटल की मां के साथ उनके गहरे सम्बंधों को दिखाया जाएगा, जिन्होंने उनकी धारणाओं, मूल्यों और चिंतन को गहराई से प्रभावित किया था. एक ओर भारत ब्रिटिशराज में गुलामी का सामना कर रहा था और दूसरी ओर देश आंतरिक कलह और धन, जाति और भेदभाव के विभाजन से जूझ रहा था. अखण्ड भारत का जो सपना अटल की मां ने देखा था, उसे उन्होंने अपने दिल की गहराइयों में उतार लिया था. The Vaccine War On Disney Plus Hotstar: विवेक अग्निहोत्री की 'द वैक्सीन वॉर' ओटीटी पर प्रीमियर के लिए तैयार, डिज्नी प्लस हॉटस्टार को देनी पड़ी बड़ी कीमत!

&TV पर 'अटल' सीरियल का प्रसारण 5 दिसंबर से शुरू हो जाएगा. सोमवार से शुक्रवार रात 8 बजे आप इस कार्यक्रम को टीवी पर देख सकते हैं.

भारत के 10वें प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन कार्यकाल के लिए कार्य किया: पहले 1996 में एक संक्षिप्त अवधि के लिए, फिर 1998 में 13 दिनों के लिए, और अंततः 1998 से 2004 तक.

प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी की उपलब्धियां

पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण: अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने अपनी परमाणु क्षमताओं और परमाणु शक्ति की स्थिति का दावा करते हुए मई 1998 में परमाणु परीक्षणों की एक श्रृंखला आयोजित की. इन परीक्षणों को "ऑपरेशन शक्ति" नाम दिया गया.

आर्थिक सुधार: वाजपेयी ने 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को और उदार बनाया गया. उनकी सरकार ने निजीकरण, अविनियमन और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया, जिसने आर्थिक विकास में योगदान दिया.

बुनियादी ढांचे का विकास: उन्होंने प्रमुख शहरों को राजमार्गों के नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना जैसी पहल के साथ बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का उद्देश्य सड़क निर्माण के माध्यम से ग्रामीण कनेक्टिविटी में सुधार करना है.

कारगिल युद्ध: उनके कार्यकाल के दौरान, भारत को 1999 में पाकिस्तान के साथ कारगिल संघर्ष का सामना करना पड़ा. उनके नेतृत्व ने एक सफल सैन्य प्रतिक्रिया सुनिश्चित करते हुए स्थिति को प्रबंधित करने और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस जंग में भारत की जीत हुई.

संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध: वाजपेयी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को बेहतर बनाने पर काम किया. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की, विशेषकर राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के प्रशासन के दौरान और बाद में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू. बुश के कार्यकाल के दौरान.

शांति पहल: वाजपेयी ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए. उन्होंने भारत-पाक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए 1999 में राजनयिक वार्ता और लाहौर, पाकिस्तान के लिए बस यात्रा शुरू की, जिसे "लाहौर घोषणा" के रूप में जाना जाता है.

प्रौद्योगिकी और दूरसंचार उन्नति: उनकी सरकार ने राष्ट्रीय दूरसंचार नीति पेश की और भारत के विकास के लिए इसके महत्व को स्वीकार करते हुए प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया.

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा: पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में सुधार के प्रयास किए गए.

विदेश नीति पहल: उनकी सरकार ने बहु-स्तरीय विदेश नीति अपनाई, दुनिया भर के विभिन्न देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को बढ़ाया.

वाजपेयी अपने समावेशी शासन और राजनीतिक स्पेक्ट्रम में आम सहमति को बढ़ावा देने की क्षमता के लिए जाने जाते थे. प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई विकासात्मक पहल और प्रयास देखे गए.

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