रामायण में राम बने अरुण गोविल का छलका दर्द, कहा- आज तक किसी सरकार ने नहीं दिया कोई सम्मान

अरुण गोविल ने रामराज्य बनाने के सवाल पर कहा कि हम सबने शुरुआत तो कर दी है रामराज्य की सही परिभाषा समझने की. यदि हम राम जी के व्यक्तित्व के तीन गुण - संकल्प, संयम और मर्यादा को अपना लें तो हम सब अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

अरुण गोविल (Image Credit: Instagram/Facebook)

लॉकडाउन (Lockdown) wके चलते टीवी पर हुई रामायण (Ramayan) की वापसी से दूरदर्शन टीआरपी (TRP) के टॉप पर है. लोगों की जुबान पर इसकी ही चर्चा है. ऐसे में रामायण से जुड़े किस्से और कहानियां एक बार फिर सभी की जुबान पर हैं. शो में राम भगवान का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) भी खबरों में बने हुए हैं और पुराने अनुभव साझा कर रहे हैं. ऐसे में अब अरुण गोविल अपने ट्विटर पर चैट सेशन किया. जहां उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए. इस दौरान अरुण गोविल ने बताया कि जिस किरदार ने पूरे देश में पहचान मिली जिसे आज भी लोग अपने दिल में बसाए हुए. उस किरदार के लिए उन्हें कभी कोई अवार्ड नहीं दिया गया.

अरुण गोविल से जब ये पूछा गया कि उन्हें रामायण के लिए कभी अवॉर्ड नहीं मिला तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए लिखा कि चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है. मैं उत्तर प्रदेश से हूं, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया, और यहां तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूं, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया.

इसी सवाल जवाब के सिलसिले में जब अरुण गोविल से राममंदिर पर फैसला आने के बाद क्या हम रामराज्य की उम्मीद कर सकते हैं? इस पर अरुण गोविल ने कहा कि हम सबने शुरुआत तो कर दी है रामराज्य की सही परिभाषा समझने की. यदि हम राम जी के व्यक्तित्व के तीन गुण - संकल्प, संयम और मर्यादा को अपना लें तो हम सब अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

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