Mere Pyare Prime Minister Quick Review: समाज की सच्चाई को दर्शाती है ये फिल्म, रोंगटे खड़े कर देंगे इसके सीन्स

निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' का ये क्विक रिव्यू सबसे पहले यहां पढ़ें

फिल्म 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' ट्रेलर (Photo Credits: Youtube)

'रंग दे बसंती' (Rang De Basanti) और 'भाग मिल्खा भाग' (Bhaag Milkha Bhaag) जैसी हिट फिल्में बनानेवाले निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा (Rakeysh Omprakash Mehra) एक बार फिर एक नई कहानी के साथ दर्शकों के सामने पेश हैं. उनकी फिल्म 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' (Mere Pyaare Prime Minister) आनेवाली 15 मार्च, 2019 को सभी सिनेमाघरों में रिलीज कर दी जाएगी. इस फिल्म में न तो बड़ी स्टार कास्ट है और न ही इसे एक कमर्शियल फिल्म कहा जा सकता है. लेकिन अपनी कहानियों से दर्शकों के दिलों को प्रभावित करने वाले राकेश एक बार फिर कुछ ऐसा ही छू लेने वाली कहानी लेकर आए हैं.

ये कहानी है एक मुंबई की झुग्गियों में रहनेवाले एक ऐसे बच्चे की जिसकी मां के साथ बलात्कार होता है. 8 साल का कान्हू इस घटना से इतना दुखी है कि वो इस बात को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखता है. ये फिल्म एक मां और बेटे के बीच के इस रिश्ते को दर्शाती है. फिल्म में ओम कनोजिया ने बाल-कलाकार कान्हू का किरदार निभाया है तो वहीं अभिनेत्री अंजलि पाटिल ने उनकी मां सरगम की भूमीका निभाई है. फिल्म में अतुल कुलकर्णी ने भी काम किया है.

फिल्म के फर्स्ट हाफ में कान्हू और उसकी मां सरगम की जिंदगी को दर्शाया गया है. मुंबई की झुग्गियों में रहने वाले कान्हू और उसकी मां को अपना गुजारा करने के लिए किस तरह से संघर्ष करना पड़ता है. कान्हू के लिए उसकी मां और उसके दोस्त ही उसकी दुनिया है. फिल्म में जहां मां और बेटे के खूबसूरत रिश्ते को बेहद सुंदरता के साथ पेश किया गया है. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह आज के बदलते दौर में भी समाज के कई तबकों में हालत उसी तरह के हैं जैसा कि सालों से चला आ रहा है. आज भी कई झोपड़पट्टी और स्लम्स के इलाकों किस तरह स्व शौच की सबसे आम सुविधा तक मौजूद नहीं है. फिल्म में दिखाया गया है कि महिलाओं को शौच जाने के लिए कितनी ही तकलीफें उठानी पड़ती हैं. राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ये फिल्म समाज की सच्चाई की हमारे साथ रखती है. फिल्म के सीन्स आपको इतने रियल लगेंगे कि ये आपके रोंगटे खड़े कर देंगे. ये कहानी है एक ऐसे बच्चे की अपने हालात कर चलते मासूमियत से भरे होने में बावजूद सोच में काफी समझदार और बड़ा है. फिल्म का फर्स्ट हाफ मनोरंजक है और ये आपको पसंद आएगा.

आपको बता दें कि 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' ही ऐसी एशियाई फिल्म है जिसे रोम फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन किया गया.

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