बांद्रा स्टेशन मामला: म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी ने वीडियो जारी करके लोगों से की अपील, कहा- सतर्क रहें, ये भारत को तोड़ने की साजिश है

अब बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी ने इस मामले को लेकर इंस्टाग्राम पर अपना वीडियो जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि वें इस घटना को सांप्रदायिक दृष्टिकोण से न देखें और इसे मानवता के नजरिए से न देखें.

म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी (Photo Credits: Instagram)

Lockdown: देशभर में लॉकडाउन के बावजूद 14 अप्रैल, मंगलवार की शाम को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर भारी संख्या में दिहाड़ी मजदुर और अन्य लोग एक साथ जमा हुए जो अपने गांव वापस जाना चाहते थे. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने के बाद ट्रेन फिर से शुरू कर दिए जाएंगे और सभी लोग अपने गांव लौट सकेंगे. इसके चलते भारी तादाद में लोग बांद्रा रेलवे स्टेशन (Bandra Railway Station) पर जमा हो गए. लॉकडाउन के नियमों की धज्जिया उड़ाने वाली इस घटना ने न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि देशभर के लोगों को हैरान कर दिया है.

अब बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी (Vishal Dadlani) ने इस मामले को लेकर इंस्टाग्राम पर अपना वीडियो जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि वें इस घटना को सांप्रदायिक दृष्टिकोण से न देखें और इसे मानवता के नजरिए से न देखें.

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विशाल ने वीडियो पोस्ट करके कैप्शन में लिखा, "व्हाट्सएप पर ट्रेनों को लेकर ये झूठ किसने फैलाया? आप जानते हैं. किसने ऐसा वीडियो क्लिप फैलाया जो सिर्फ एक कम्युनिटी को टारगेट करता है आप सब जानते हैं."

इस वीडियो में विशाल ने कहा, "आप सभी ने वो वीडियो देखा होगा जो आज बहुत वायरल हुआ है. मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर लोगों का बहुत बड़ा झुंड इकठ्ठा हुआ. इस बात की असलियत ये है, सुनने में ये आ रहा है कि एक व्हाट्सएप मैसेज फैलाया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि 14 अप्रैल को जब लॉकडाउन खत्म होगा तब ट्रेनें शुरू हो जाएंगी और लोग अपने गांव जा पाएंगे. मुंबई के माइग्रेंट वर्कर्स के पास अब तो काम नहीं है, काम नहीं है तो वेतन नहीं है, वेतन नहीं है तो खाने को रहने को जगह नहीं है. लाचार होकर गरीब लोग स्टेशन पहुंचे ताकि वो अपने गांव जा सकें."

विशाल ने आगे कहा, "अब बांद्रा स्टेशन के बाहर एक मस्जिद है और किसी ने ऐसा शूट किया है कि देखिए मस्जिद है और लोग इकठ्ठा हुए हैं जबकि ऐसा है नहीं. उस भीड़ में लोग थे उत्तर प्रदेश के , बिहार के राजस्थान के जो हिंदू थे मुसलमान थे. उन सभी में एक ही बात समान थी कि वो गरीब थे. कृपया करके ये समझें कि हमें किस तरह गुमराह किया जा रहा है, किस तरह हमें बांटा जा रहा है और किस तरह से भारत को तोड़ा जा रहा है. प्लीज ऐसा होने मत दिजिए. जय हिंद!"

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आपको बता दें कि इस मामले में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने लॉकडाउन नियमों को तोड़ने के लिए 800 से 1000 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186, 188 और एपिडेमिक एक्ट (Epidemic Act) के सेक्शन 3  के तहत मामला दर्ज किया है. इसी के साथ इंटरनेट पर अफवाह फैलाने के आरोप में विनय दुबे (Vinay Dubey) नाम के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है.

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