Antrum: जानलेवा रहस्य! इस श्रापित फिल्म को जिसने भी देखा उसकी हुई मौत! अब तक 86 लोग गवां चुके हैं जान, ये है एंट्रम का खौफनाक सच

फिल्म 'एंट्रम: द डेडलिएस्ट फिल्म एवर मेड' के बारे में कहा जाता है कि इसे देखने के बाद 86 लोगों की मौत हो चुकी है. कहा जाता है कि यह फिल्म श्रापित है.

(Photo : X)

डरावनी फिल्में देखने का शौक किसे नहीं होता, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ फिल्में इतनी खौफनाक होती हैं कि उन्हें देखना जानलेवा साबित हो सकता है? ऐसी ही एक फिल्म है हॉलीवुड की फिल्म 'एंट्रम: द डेडलिएस्ट फिल्म एवर मेड' (Antrum: The Deadliest Film Ever Made) जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे देखने के बाद 86 लोगों की मौत हो चुकी है. कहा जाता है कि यह फिल्म श्रापित है.

फ़िल्म का रहस्य क्या है?

इस फिल्म का पूरा नाम है 'एंट्रम: द डेडलिएस्ट फिल्म एवर मेड' और इसमें एक भाई-बहन की कहानी दिखाई गई है जो अपने पालतू कुत्ते की मौत से इतने सदमे में हैं कि उसकी आत्मा को बचाने के लिए नरक में जाने का फैसला करते हैं और वहाँ से निकलने का रास्ता खोदने लगते हैं. इसके निर्माताओं का कहना है कि फिल्म में एक 'रहस्य' है जिसे सिर्फ़ कुछ ही दर्शक देख सकते हैं और जो उस रहस्य को पहचान लेते हैं, उनकी मौत तय है.

एक के बाद एक कई हादसे हुए

फिल्म निर्माताओं का कहना है कि फिल्म में जो श्राप दिखाया गया है वो असल में सच है. 1979 में एक फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म को रहस्यमयी तरीके से दिखाया गया था. फिल्म की रील किसने और कब जमा की, किसी को नहीं पता, लेकिन फिल्म अपने आप ही फिल्म फेस्टिवल्स में चल जाती थी. इसके बाद कई इवेंट मैनेजर्स और वर्कर्स की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई.

कुछ लोगों का मानना था कि फिल्म को फिल्म फेस्टिवल में भेजने का काम खुद बुरी शक्तियां कर रही थीं. जिस भी फिल्म फेस्टिवल में यह फिल्म पहुँचती, वहाँ मौतें होती थीं.

इन लोगों ने गंवाई जान

जेनेट हिलबर्ग पहली महिला थीं जिनकी मौत इस फिल्म की वजह से हुई. 'एंट्रम' की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें स्ट्रोक आया और उनकी मौत हो गई. इसके बाद, टॉम स्टाइलम की मौत बिजली के झटके से हुई. जो बैरिंगर को स्टोनफिश ने काट लिया और उनकी मौत हो गई. बाकी लोगों की भी इसी तरह मौत हुई.

'एंट्रम' की स्क्रीनिंग से जुड़ा एक और वाकया हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ. साल 1988 में इस फिल्म को सिनेमाघरों में दिखाया गया. यह फिल्म चल ही रही थी कि अचानक थिएटर की इमारत में आग लग गई. इस दौरान 56 लोगों की मौत हो गई. कहा जाता है कि आग प्रोजेक्टर रूम से शुरू हुई थी और कुछ ही देर में सब कुछ जलकर राख हो गया, लेकिन फिल्म की रीलों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

कहा जाता है कि इसके बाद इसकी दूसरी स्क्रीनिंग साल 1993 में सैन फ्रांसिस्को में हुई, इस बार इमारत में धमाका हुआ और इसमें 30 लोगों की मौत हो गई. बताया जाता है कि लोगों को इस फिल्म से जुड़ी घटनाओं की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद वे इसे देखने गए थे.

इससे जुड़ी और भी कई कहानियाँ बताई जाती हैं लेकिन उनकी सच्चाई क्या है, कोई नहीं जानता. कई सालों तक इस फिल्म का कोई जिक्र नहीं हुआ और लगभग 20 साल बाद साल 2018 में इस फिल्म को रिलीज़ किया गया.

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