हिंदी दिवस 2018: बॉलीवुड की वो फिल्में जिसने हिंदी भाषा में मनवाया लोहा
बॉलीवुड में अब तक हमने कई तरह की फिल्में देखी होंगी. इन फिल्मों ने हमारा मनोरंजन तो किया ही साथ ही हमें हंसाया और रुलाया भी. इन्हीं में कुछ फिल्मों ऐसी भी थी जिसने हमें गहरा संदेश दिया. आनेवाली 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाएगा और हम आपको बॉलीवुड की उन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने हमें हिंदी भाषा का अलसी महत्त्व समझाया और साथ ही ये बताया कि आज के दौर में किस तरह से इस खूबसूरत लैंग्वेज को कम समझा जाता है.
चुपके-चुपके (1975)
सन 1975 में रिलीज हुई फिल्म ‘चुपके चुपके’ एक ऐसी कॉमेडी फिल्म है जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया. फिल्म की कहानी हिंदी भाषा पर प्रकाश डालती है. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र के कॉमिक एक्ट ने सभी का ध्यान आकर्षित किया. फिल्म में जया बच्चन, शर्मीला टैगोर और ओम प्रकाश भी लीड रोल में हैं.
गोलमाल (1979)
अमोल पालेकर की फिल्म ‘गोलमाल’ सन 1979 में रिलीज हुई. इस फिल्म में हिंदी भाषा को लेकर बेहद खास मैसेज दिया गया और साथ ही इसके इम्पोर्टेंस को समझाया गया. फिल्म एं अमोल पालेकर के अलावा बिंदिया गोस्वामी, दीना पाठक, ओम प्रकाश, युनुस परवेज और अमिताभ बच्चन ने भी काम किया है.
नमस्ते लंदन
अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ की इस फिल्म की खानी पंजाब और इंग्लैंड में सेट की गई है. फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह भारतीय होने के बावजूद कैटरीना कल्चर से प्रेरित हैं लेकिन अक्षय उन्हें अपने देश और उसकी भाषा का महत्त्व समझाते हैं. इस फिल्म में ऋषि कपूर ने भी काम किया है.
हिंदी मीडियम
इरफान खान और सबा करम स्टारर इस फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह अंग्रेजी भाषा को तवज्जो दी जाती है और हिंदी को निचले स्तर पर रखा जाता है. फिल्म में इरफान और सबा ने हिंदी भाषा को लेकर बड़े ही खूबसूरत तरीके से मैसेज दिया है.
इंग्लिश विंग्लिश
श्रीदेवी की इस कमबैक फिल्म ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. इस फिल्म में श्रीदेवी एक हाउसवाइफ के रुप में नजर आईं. बताया गया कि मॉडर्न वीमेन और अंग्रेजी भाषा का ग्यानी न होने के कारण उनका परिवार उनका मजाक उड़ाता है और ताने भी कसता है. लेकिन वो इन सभी चीजों को मात देकर अपने आपको साबित करती हैं और हिंदी भाषा का महत्त्व समझाती हैं.