पुणे: प्रसिद्ध मराठी अभिनेत्री एवं थियेटर कलाकार लालन सारंग का यहां शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनके परिजन ने यह जानकारी दी. वह 79 साल की थीं. सारंग के परिवार में बेटा राकेश और उनका परिवार है. सूत्रों के मुताबिक उन्हें करीब एक महीना पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनको बुढ़ापा संबंधी कुछ बीमारियां थी. सारंग का जन्म 26 दिसंबर 1938 को मुंबई में एक मध्य वर्गीय परिवार में हुआ था. लालन सारंग और उनके परिवार के किसी भी व्यक्ति का रंगमंच से दूर दूर तक कोई भी संबंध न होने के बावजूद लालन सारंग ने काफी नाम कमाया.
वह स्कूल और कॉलेज से ही नाटको में भाग लेने लगी थीं. यहां उन्होंने अपनी अंदर के अभिनय की कला को निखारा. बताया जा रहा है कि मराठी फिल्मों और नाटकों में लालन सारंग नेगेटिव किरदार के लिए जानी जाती थीं. उन्हें असली पहचान नाकट 'सखाराम बांधने' से मिली. इस नाटक को मशूहर लेखक विजय तेंदुलकर ने लिखा था.
अभिनेय के अलावा लालन सारंग एक अच्छी लेखिका भी थीं. उन्होंने नाटकांमागील, नायक एमआई और माझ्या भूमिका जैसी कई किताबें भी लिखीं. जिन्हें पाठकों ने काफी पसंद किया. वह मुंबई में कॉलेज के दिनों से ही थियेटर करने लगी थीं. वहां उन्होंने एक नाटक प्रतियोगिता में भाग लिया था. वहां उन्हें अपनी भूमिका के लिए सराहना मिली.
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सारंग को ‘‘सखाराम बाइंडर’’, ‘‘गिधाड’’, ‘‘रथचक्र’’ और ‘‘कमला’’ समेत कई प्रसिद्ध नाटकों में अपनी प्रभावशाली भूमिका के लिए जाना जाता है. इसके अलावा उन्होंने ‘‘सामना’’, ‘‘हा खेल सावल्यांचा’’ और ‘‘महक’’ जैसी फिल्मों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाया था. उन्होंने कई हिंदी धारावाहिकों में भी काम किया था. उन्होंने कुछ किताबें भी लिखी थीं. उनके पति दिवंगत कमलाकर सारंग एक प्रसिद्ध थियेटर निर्देशक थे. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार मुंबई में शनिवार को किया जाएगा.