अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत का मामला एक विचित्र मोड़ पर पहुंच गया है. सुशांत के पिता के. के. सिंह (K. K. Singh) के वकील ने बुधवार को रिया चक्रवर्ती की याचिका, जिसमें मामले को पटना से मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की गई है, उस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील दी कि बिहार पुलिस अपनी जांच जारी रख सकती है. लेकिन महाराष्ट्र सरकार के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह पूर्वी राज्य के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकार क्षेत्र के मुद्दों के कारण बिहार सरकार को बाधा हो सकती है. इसलिए या तो महाराष्ट्र सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो के लिए कह सकती है या शीर्ष अदालत इसे निष्पक्ष जांच के लिए एजेंसी को रेफर कर सकती है. वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने आईएएनएस से कहा, "ऐसा लगता है कि बिहार प्राथमिकी में कथित अपराध आत्महत्या के लिए उकसाने में से एक है और संपूर्ण अपराध मुंबई में हुआ है. इसलिए बिहार पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बाध्य है, मगर वह जांच नहीं कर सकती है और प्राथमिकी को मुंबई पुलिस को स्थानांतरित करने के लिए भी बाध्य होगी." यह भी पढ़े: Sushant Singh Rajput Death Case: सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को ED ने भेजा समन, 7 अगस्त को होना होगा हाजिर
बिहार सरकार की ओर से सीबीआई जांच की मांग करने और उनके अधिकार क्षेत्र के मामले पर द्विवेदी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार यह दलील दे सकती है कि चूंकि बिहार के पास जांच का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, इसलिए वह इस मामले को सीबीआई के पास नहीं भेज सकती है. उन्होंने कहा, इसलिए या तो महाराष्ट्र सीबीआई जांच के लिए कहेगा या सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले को निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को भेज सकता है और जांच की निगरानी कर सकता है. वरिष्ठ अधिवक्ता के. वी. विश्वनाथन ने कहा कि कानून के अनुसार, शीर्ष अदालत के टी. टी. एंथनी के फैसले के तहत, केवल एक ही एफआईआर हो सकती है. उन्होंने कहा, "हालांकि अगर दूसरी प्राथमिकी एक काउंटर केस से संबंधित है या उन आरोपों से संबंधित है, जो गुणात्मक रूप से एक अलग चरित्र के हैं और तथ्यों के पूरी तरह से अलग सेट की ओर इशारा करते हैं, तो ऐसी एफआईआर एंथनी सिद्धांत द्वारा प्रभावित या हिट नहीं होगी और यह बनी रहेगी." यह भी पढ़े: Sushant Singh Rajput Death Case: सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच के लिए CBI को केंद्र सरकार से मिला पत्र: रिपोर्ट्स
सुशांत सिंह मामले में उन्होंने कहा कि एक विवाद है कि मुंबई में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और केवल पूछताछ की गई है. विश्वनाथन ने कहा, "सीआरपीसी की धारा 177 और 178 के तहत पटना में प्रादेशिक क्षेत्राधिकार के सवाल का जवाब दिया जाना बाकी है. यह प्रत्येक मामले के तथ्यों पर निर्भर करेगा और पूछताछ होगी कि क्या अपराध का कोई हिस्सा पटना के स्थानीय क्षेत्र में भी किया गया है." सुशांत के पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी कि उनका मुवक्किल मुंबई पुलिस द्वारा जांच को गलत तरीके से चलाने के बारे में आशंकित है और इसलिए बिहार पुलिस को अभिनेता की मौत के मामले में जांच की अनुमति दी जानी चाहिए. यह भी पढ़े: सुशांत सिंह राजपूत के शव को अस्पताल ले जाने वाले एम्बुलेंस ड्राइवर को आ रहे हैं धमकी भरे फोन कॉल्स- रिपोर्ट्स
उन्होंने दलील दी कि मुंबई पुलिस ने सिर्फ आत्महत्या मामले की जांच रिपोर्ट बनाई है और इसमें कोई आपराधिक मामला शामिल नहीं है. केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया है कि केंद्र के अधिकारियों ने बिहार के अधिकारियों के उस अनुरोध को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करने का फैसला किया है, जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है.