मनोज वाजपेयी का खुलासा- मुझे भी आते थे आत्महत्या के ख्याल, इसलिए साथ सोते थे मेरे दोस्त
मनोज वाजपेयी ने बताया है कि अपने करियर के दौरान उन्हें भी आत्महत्या करने के ख्याल आते थे इसलिए उनके दोस्त उनके साथ सोते थे.
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने 14 जून को अपने बांद्रा स्थित घर पर सुसाइड कर लिया. सुशांत के उठाए इस कदम से पूरी फिल्म इंडस्ट्री हिल गई. तो वहीं सोशल मीडिया पर नेपोटिज्म और डिप्रेशन का मुद्दा ट्रेंड करने लग गया. एक तरह सोशल मीडिया यूजर्स ने जहां कई सेलेब्स को नेपोटिज्म के मुद्दे पर घेरा वहीं कई सेलेब्स डिप्रेशन के मुद्दे पर अपनी बात सामने रखते दिखाई दिए. ऐसे में अब बॉलीवुड के दमदार एक्टर्स में से एक मनोज वाजपेयी ने भी खुद को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने बताया है कि अपने करियर के दौरान उन्हें भी आत्महत्या करने के ख्याल आते थे इसलिए उनके दोस्त उनके साथ सोते थे.
मनोज वाजपेयी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वो 9 साल की उम्र से एक्टर बनने का ख्वाब देखते थे लेकिन उनकी पारिवारिक स्थिती बेहतर नहीं थी. लेकिन बच्चन जैसा बनने का ख्वाब मन में घर कर चुका था. इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वो 17 साल की उम्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंच गए और थियेटर करना शुरू कर दिया, जिसकी फीस के लिए उनके पिता ने 200 रुपए भी भेजे थे. इस दौरान गांव में लोग उन्हें नकारा कहने लगे थे. उन्होंने एनएसडी में अप्लाई किया लेकिन तीन बार रिजेक्ट हो गए. इन सबके चलते वो आत्महत्या करने की भी सोचने लगे थे. इसलिए मनोज के दोस्त उन्हें अकेला नहीं छोड़ते थे और साथ सोते थे.
मनोज वाजपेयी ने आगे बताया कि जब तक वो स्थापित नहीं हो गए दोस्त उन्हें मोटिवेट करते रहे. मनोज वाजपेयी को पहला रोल शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन में मिला था. लेकिन फिल्म सत्या के बाद मनोज इंडस्ट्री में पूरी तरह से स्थापित हो गए. मनोज बताते है कि एक्टर बनने की राह में कई बार वडा पाव भी उन्हें काफी महंगा लगता था. लेकिन उनके पेट की भूख सफल होने की भूख को कभी हरा नहीं पाई. ये उस 9 साल के उस बिहारी बच्चे का विश्वास था.