Crew Review: तब्बू, करीना कपूर खान और कृति सेनन स्टारर फिल्म 'क्रू' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. यह एक कॉमेडी फिल्म है, जिसमें तीन महिलाओं की दोस्ती पर फोकस किया गया है. जो आपस में लड़ते भी हैं पर लालच के कारण एक भी हो जाते हैं. फिल्म में अश्लील वार्तालाप को भी जगह दी गई है, जिसके चलते फैमिली के साथ फिल्म देखने में आपको थोड़ा आंख मिचोली का भी सहारा लेना पड़ सकता है. फिल्म को राजेश ए कृष्णन ने डायरेक्ट किया है, जो इससे पहले कुणाल खेमू स्टारर कॉमेडी फिल्म 'लूटकेस' को डायरेक्ट कर चुके हैं. 'लूटकेस'दर्शकों को काफी पसंद आई थी और दर्शकों ने क्रू के साथ कुछ ज्यादा ही उम्मीदें जोड़ रखी थीं. फिल्म उन उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है, इसके लिए आपको रिव्यू पढ़ना होगा.
कहानी
गीता (तब्बू), जैस्मीन (करीना कपूर खान) और दिव्या (कृति सेनन) अलग-अलग शहरों से हैं और मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुख रखती हैं. ये तीनों एक ही जहाज पर यात्रा करते नहीं, यात्रा करने वालों की सेवा करती हैं. जी, हां तीनों कोहिनूर एयरलाइन्स की क्रू हैं. तीनों के सपने बड़े-बड़े थे पर अब घर चालाना मुश्किल है क्योंकि कोहिनूर एयरलाइन्स बैंक करप्ट हो चुकी है. इस एयरलाइन्स के साथ जुड़े 4 हजार कर्मचारियों की यही हालत है. इसी बीच ऐसा कुछ घटता है कि इन तीनों दोस्त गीता, जैस्मीन और दिव्या को गोल्ड की स्मगलिंग करने का मौका मिल जाता है और तीनों देखते ही देखते अपने पसंद की लक्जरी जिंदगी जीने लगती हैं. पर वक्त बदलते कहां देर लगती है और एक दिन पुलिस आ धमकती है. पर दिव्या की चालाकी काम आती है और ये किसी तरह से बच जाती हैं. पर जब पता चलता है कि स्मगलिंग का असली बादशाह कौन है? तो इनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है और यहां से फिल्म में एक नया मोड़ आता है. जिसको जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
निर्देशन और म्यूजिक
राजेश ए कृष्णन पहले ही 'लूटकेस' जैसी दमदार कॉमेडी फिल्म दर्शकों को दे चुके हैं, इसलिए दर्शक 'क्रू' को लेकर उससे भी ज्यादा उम्मीदें लगाकर बैठे थे. पर फिल्म उन उम्मीदों पर पूरी तरह से खरी नहीं उतर पाती है. हालांकि 'लूटकेस' और 'क्रू' को कंपेयर करना उचित नहीं होगा, दोनों की कहानी और कॉनसैप्ट बिलकुल अलग हैं. यह फिल्म महिलाओं की दोस्ती पर आधारित है और उसी में ड्रामा डालने की कोशिश की गई है. फिल्म के डायलॉग्स और जोक्स इतने उम्दा नहीं हैं कि आपको हंसाते रहें दो-तीन वन लाइनर्स छोड़कर आपको और कहीं हंसी नहीं आने वाली है. फिल्म दो घंटी 4 मिनट की है. पर फिर भी लगता है कि यह फिल्म काफी बड़ी है क्योंकि इसे खीचने की कोशिश की गई है. फिल्म की कहानी काफी साधारण हैं जिसके चलते फिल्म कोई ग्रिप नहीं पकड़ पाती. साथ ही फिल्म का म्यूजिक भी काफी एवरेज है जो कोई खास मैजिक क्रिएट नहीं कर पाता.
एक्टिंग
तब्बू एक शानदार अदाकारा हैं, पर ऐसा लगा कि यह फिल्म उनके लिए नहीं थी. उन्होंने प्रयास काफी किया, पर कुछ खास निकलकर सामने नहीं आया. करीना कपूर 'लाल सिंह चड्डा' के लंबे अंतराल के बाद किसी फिल्म में दिखाई दी हैं. उनकी एक्टिंग ठीक-ठाक रही है. कृति सेनन की बात करें तो उनकी अदाकारी सबसे ज्यादा उभरकर सामने आई और वे बेहद खूबसूरत भी दिखी हैं. इसके अलावा दिलजीत दोसांझ और कपिल शर्मा के पास ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं था. उनको जितना काम मिला, उसके साथ न्याय किया. राजेश शर्मा हमेशा की तरह शानदार लगे हैं.
निष्कर्ष
फिल्म की कहानी साधरण है और इसमें दिमाग लगाने जैसा कुछ नहीं है, आपको आसानी से समझ में आती जाएगी. फिल्म कहीं भी आपको मजबूती के साथ बांध नहीं पाती है. कुछ डायलॉग्स और वन लाइनर्स आपको जरूर हंसाने का काम करेंगे. कृति सेनन की एक्टिंग आपको पसंद आएगी. अगर आप इस हप्ते अपनी फैमिली के साथ कोई हल्की फुल्की कॉमेडी फिल्म देखने की योजना बना रहे हैं, तो आप 'क्रू' को एक मौका दे सकते हैं. अगर आप बहुत ज्यादा उम्मीदें लेकर नहीं जाएंगी तो आपको यह फिल्म निराश नहीं करेगी.