Asian Paints, Bajaj Steel, Tata Motors, ONGC, HAL, Wipro समेत इन शेयर प्राइस पर आज रहेगा निवेशकों का फोकस, देखें लिस्ट
Share Prices in Focus Today : निवेशकों को आज 11 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार के इन शेयरों से अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है.
Stocks to Watch Today, November 11 : भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता अच्छा नहीं रहा. पिछले सप्ताह सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से 6 का बाजार पूंजीकरण कुल 1,55,721 करोड़ रुपये घटा है. सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को हुआ है. रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 74,563 करोड़ रुपये घटकर 17,37,556 करोड़ रुपये रहा और भारती एयरटेल का मूल्यांकन 26,274 करोड़ रुपये घटकर 8,94,024 करोड़ रुपये रह गया. वहीं, आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 22,254 करोड़ रुपये घटकर 8,88,432 करोड़ रुपये रहा. इस बीच आज सोमवार 11 नवंबर को निवेशकों को घरेलू शेयर बाजार में बजाज स्टील (Bajaj Steel Share Price) समेत कुछ अन्य शेयरों से मुनाफा कमाने की उम्मीद है. आज निवेशकों का फोकस इन शेयर प्राइस (Stocks in News) पर रहने की उम्मीद है. जिमसें एशियन पेंट्स (Asian paints Share Price), टाटा मोटर्स (Tata Motors Share Price), बजाज स्टील (Bajaj Steel Share Price), व्हर्लपूल (Whirlpool Share Price), ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric Share Price), आईटीआई (ITI Share Price), जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel Share Price), एलआईसी (LIC Share Price), अरबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma Share Price), ओएनजीसी (ONGC Share Price), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited (HAL) Share Price), एसबीआई (SBI Share Price) और विप्रो (Wipro Share Price) शामिल हैं.
यह भी पढ़े-Anil Ambani: रिलायंस पावर पर लगा 3 साल का बैन, RPOWER के शेयर 5% लुढ़के
बता दें कि 4 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक के कारोबारी सत्र में निफ्टी और सेंसेक्स में क्रमश: 0.64 प्रतिशत और 0.30 प्रतिशत की गिरावट हुई. इस हफ्ते घरेलू बाजार की दिशा महंगाई, इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन के आंकड़े, अमेरिका और चीन के आर्थिक डेटा व एफआईआई की गतिविधियों से तय होगी.
बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. निफ्टी 156 अंक (0.64%) गिरकर 24,248 और सेंसेक्स 237 अंक (0.30%) गिरकर 79,486 पर बंद हुआ.
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की वजह दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे, डॉलर का मजबूत होना और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा बाजार में लगातार बिकवाली करने को माना जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वित्तीय निर्णय लेने से पहले स्वतंत्र पेशेवर सलाह लें. लेखक और प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय या कार्य के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे. सभी निवेश जोखिमों के अधीन होते हैं और पाठकों को सावधानी से विचार करने की सलाह दी जाती है.