Maruti Suzuki ने की 3 हजार से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की छुट्टी, मंदी के चलते प्रोडक्शन भी घटाया

मौजूदा मंदी को देखते हुए मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. हालांकि इसका कंपनी के स्थायी कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

मारुति स्विफ्ट (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: मौजूदा मंदी को देखते हुए मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने अपने 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. हालांकि इसका कंपनी के स्थायी कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. दरअसल वाहन उद्योग की दिग्गज कंपनी की बिक्री जुलाई महीने में 33 प्रतिशत तक गिर गई. कारोबार में इस भारी गिरावट के कारण कंपनी ने जुलाई महीने में उत्पादन में 25.15 प्रतिशत की कटौती की. यह लगातार छठवां महीना है जब कंपनी ने उत्पादन घटाया है.

यात्री कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि वाहन उद्योग में सुस्ती के चलते अस्थायी कर्मचारियों के कांट्रैक्ट को रीन्यू नहीं किया गया है. जिस वजह से मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3,000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है.

उन्होंने आगे कहा कि यह कारोबार का हिस्सा है, जब मांग बढ़ती है तो कांट्रैक्ट पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम कर दी जाती है.

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कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि उसने पिछले साल जुलाई में 1,64,369 इकाइयों की बिक्री की थी. जो कि इस साल 33.50 प्रतिशत गिरकर 1,09,264 इकाइयों पर आ गई.

कंपनी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने 1,30,541 यात्री वाहनों का उत्पादन किया गया. जुलाई 2018 में यह आंकड़ा 1,75,456 इकाइयों पर था. इस दौरान, 25.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. वहीं आल्टो, वैगनआर, सेलेरियो, इग्निस, स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर समेत छोटी और कॉम्पैक्ट श्रेणी में जुलाई 2019 में उत्पादन 25 प्रतिशत घटकर 95,733 वाहनों पर रहा. जबकि जिप्सी, विटारा ब्रेजा, अर्टिगा और एस-क्रॉस जैसे यूटिलिटी वाहन का उत्पादन 21.26 प्रतिशत घटकर 19,464 इकाइयों पर रहा.

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