देश की खबरें | येदियुरप्पा ने संकेत दिया कि उनका पद से हटना निश्चित है, कहा आलाकमान के निर्देशों का इंतजार कर रहा हूं

बेंगलुरु, 22 जुलाई कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को संकेत दिया कि उनका पद से हटना निश्चित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह तब तक पद पर बने रहेंगे जब तक भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उनसे पद छोड़ने को नहीं कह देता।

लिंगायत समुदाय के नेता ने कहा कि उन्होंने दो महीने पहले ही इस्तीफा देने की पेशकश की थी जिसके पीछे उनका उद्देश्य दूसरों के लिए रास्ता बनाना था। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि उनसे यह पूछा जाएगा कि उनका स्थान किसे लेना चाहिए तब भी वह किसी का नाम नहीं लेंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं ने उनके हाल के दिल्ली दौरे में उन्हें पद से हटाने के बारे में कोई बात नहीं की।

लिंगायत समुदाय के नेता येदियुरप्पा (78) ने यह भी कहा कि पार्टी आलाकमान कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके भविष्य के बारे में 25 जुलाई को उन्हें निर्देश देगा और वह आखिरी वक्त तक अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे। यहां पत्रकारों से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा कि उनका इरादा आने वाले दिनों में पार्टी को मजबूत करना और उसे फिर से सत्ता में लाना है। येदियुरप्पा सरकार के दो साल 26 जुलाई को पूरे हो जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब तक कोई संदेश (मुख्यमंत्री के तौर पर भविष्य के बारे में) नहीं मिला है। मैं इंतजार कर रहा हूं कि 25 जुलाई को शायद कोई संदेश आए। मैं केंद्र के निर्देशों का पालन करूंगा। मैं यह बात पहले भी कह चुका हूं और एक बार फिर से कह रहा हूं।’’

यहां पत्रकारों से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा कि उनका इरादा आने वाले दिनों में पार्टी को मजबूत करना और उसे फिर से सत्ता में लाना है। उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता में रहूं चाहे न रहूं, मैं पूरे राज्य का दौरा करूंगा और संगठन को मजबूत करने, पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने के लिए काम करूंगा।’’

उन्होंने कहा जब तक मुझे मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को कहा जाता है मैं रहूंगा और जब वे कहेंगे कि वे मुझे इस पद पर नहीं चाहते हैं तो मैं संगठन को मजबूत करने के लिए काम करूंगा। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आखिरी मिनट तक अपना काम करता रहूंगा फिर देखते हैं कि अंत में क्या होता है।’’

येदियुरप्पा ने कहा कि कोई भ्रम नहीं है और पार्टी एकजुट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों का पालन करना ‘‘हमारा कर्तव्य’’ है। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में कोई सुझाव नहीं देंगे कि उनका स्थान कौन व्यक्ति ले सकता है। उन्होंने कहा कि किसे (अगला मुख्यमंत्री) बनाया जाना चाहिए यह केंद्रीय नेतृत्व का फैसला होगा।

येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘मैं किसी का नाम नहीं ले रहा। इसकी जरूरत भी नहीं है। मुझसे यदि इस बारे में कुछ पूछा भी जाएगा तो भी मैं किसी का नाम नहीं बताऊंगा।’’

जब पूछा गया कि क्या केंद्रीय नेतृत्व ने उनके हालिया दौरे में उन्हें पद से हटाने के बारे में कोई बात की तो उन्होंने कहा, ‘‘बिलकुल भी नहीं।’’

मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की जो उनकी इस पद पर रहते हुए अंतिम बैठक मानी जा रही है, यदि वह 26 जुलाई को पद से हट जाते हैं तो।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय नेता 25 जुलाई को मुझे जो भी निर्देश देंगे, उनके आधार पर मैं 26 जुलाई से अपना काम शुरू करूंगा। हमारी सरकार के दो साल पूरे होने के सिलसिले में 26 जुलाई को हमारा एक खास कार्यक्रम है। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह (गृह मंत्री) और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का मेरे प्रति विशेष स्नेह एवं विश्वास है। आप जानते हैं कि उन लोगों को कोई पद नहीं दिया गया जिनकी उम्र 75 साल से अधिक हो गयी है लेकिन मेरे काम की सराहना करते हुए उन्होंने 78 वर्ष की आयु पार करने के बावजूद मुझे मौका दिया।’’

यहां पत्रकारों से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा कि उनका इरादा आने वाले दिनों में पार्टी को मजबूत करना और उसे फिर से सत्ता में लाना है।

येदियुरप्पा के पिछले हफ्ते दिल्ली दौरे ने यह सवाल खड़े कर दिए थे कि क्या पार्टी उन्हें हटाने की योजना पर काम कर रही है। दिल्ली में उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात की थी। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी से लौटते वक्त येदियुरप्पा ने उन अटकलों को खारिज कर दिया था कि उन्हें हटाया जा रहा है और कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा है।

येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी को मजबूत करना तथा सत्ता में लाना उनका कर्तव्य है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से किसी भी भ्रम में न रहने और उनके साथ सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी मेरे पक्ष में कोई बयान न दें या किसी तरह के प्रदर्शन में शामिल न हों। यह उचित नहीं है, मैं ऐसी चीजों में शामिल हुए बगैर सहयोग की अपील करता हूं।’’

येदियुरप्पा को हटाए जाने के कयासों के बीच पार्टी के रुख से इतर जाकर नेता, मठाधीश, धर्माध्यक्ष उनका समर्थन कर रहे हैं। वीरशैव-लिंगायत समुदाय के नेता और धर्माध्यक्ष, अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने येदियुरपा को समर्थन देने की घोषणा की है और उनसे मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उन्हें हटाया गया तो भाजपा को ‘‘खराब नतीजे’’ भुगतने पड़ेंगे।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न समुदायों के सैकड़ों धार्मिक नेताओं ने मुझे आशीर्वाद दिया है और अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे जीवन इसे नहीं भूल सकता। पहले कभी किसी को इतना समर्थन नहीं मिला...उनके आशीर्वाद से मैं आलाकमान के फैसले के अनुसार काम करूंगा।’’

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘केंद्रीय नेतृत्व का जो भी फैसला होगा, वही मेरा भी निर्णय होगा।’’

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी अरूण सिंह ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के सवालों को जहां टाल दिया वहीं येदियुरप्पा मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है या वे आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।

राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं की खबरों को बीते दिनों खारिज कर रहे राजस्व मंत्री आर. अशोक और गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने आज कहा कि वे हाई कमान के फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि नेतृत्व स्तर पर क्या विचार विमर्श हो रहा है उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री उमेश कत्ति ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी आकांक्षाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने नौ बार विधानसभा चुनाव जीता है एवं उनमें सभी योग्यताएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। मेरी उम्र भी 60 वर्ष है। शायद किसी दिन बन जाऊं। अवसर मिलेगा तो मैं सुशासन दूंगा।’’

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