देश की खबरें | दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिये न्यायालय में यचिका

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तमाम सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को तत्काल वहां से हटाने का प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिये उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गयी। याचिका में कहा गया है कि सड़क मार्ग अवरूद्ध होने की बजह से लोगों को आवागमन में कठिनाईयां हो रही हैं और इस तरह से बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े से कोविड-19 के मामलों में भी वृद्धि हो सकती है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, चार दिसंबर नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तमाम सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को तत्काल वहां से हटाने का प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिये उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गयी। याचिका में कहा गया है कि सड़क मार्ग अवरूद्ध होने की बजह से लोगों को आवागमन में कठिनाईयां हो रही हैं और इस तरह से बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े से कोविड-19 के मामलों में भी वृद्धि हो सकती है।

याचिका में प्राधिकारियों को दिल्ली सीमा की सड़कों को खुलवाने, विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्धारित स्थान पर भेजने और कोविड-19 मामलों के प्रसार को रोकने के लिये धरना स्थल पर सामाजिक दूरी बनाने तथा मास्क लगाने के लिये दिशा निर्देश देने अनुरोध न्यायालय से किया गया है।

यह भी पढ़े | UP MLC Election Results 2020: उत्तर प्रदेश के 11 एमएलसी सीटों अब तक 3 पर बीजेपी और एक सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत, काउंटिंग अभी भी जारी.

यह याचिका कानून के छात्र ऋषभ शर्मा ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को बुराड़ी में निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी लेकिन इसके बावजूद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को अवरूद्ध कर दिया है।

अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है, ‘‘दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे इस विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरूद्ध कर दिया है और सीमाओं को बंद कर दिया है जिसकी वजह से वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। यही नहीं, इस वजह से सरकार और प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों में इलाज के लिये आने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।’’

यह भी पढ़े | RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- अगले साल का बजट सावधानीभरा , आर्थिक वृद्धि बढ़ाने वाला रहने की उम्मीद.

याचिका में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन करके सड़क अवरूद्ध करने के खिलाफ दायर याचिका पर शीर्ष अदालत के सात अक्टूबर के फैसले का भी हवाला दिया गया है। इस मामले मे न्यायालय ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिये कब्जा नहीं किया जा सकता और एक निश्चित स्थान पर ही अपनी असहमति और विरोध प्रकट करना होगा।

याचिका में सरकार के कोविड-19 दिशा निर्देशों का हवाला देते हुये याचिका में कहा गया है कि महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र नहीं होने के परामर्श दिये जाने के बावजूद लाखों किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्र हैं और इससे कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।

याचिकाकर्ता ने दिल्ली की सीमा पर इतनी बड़ी संख्या में एकत्र लोगों को तितर बितर करने और उन्हें पहले से ही निर्धारित स्थान पर भेजने के लिये तत्काल निर्देश देने का अनुरोध किया गया है क्योंकि इनका जमावड़ा कोविड महामारी के लिये बड़ा खतरा हो सकता है।

याचिका के अनुसार कोविड के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुये जरूरी है कि यह विरोध प्रदर्शन तुरंत बंद किया जाये और कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद किसान फिर प्रदर्शन कर सकते हैं।

अनूप

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\