बाकू (अजरबेजान), 22 अगस्त भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने मंगलवार को यहां फिडे विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट के फाइनल की पहली क्लासिकल बाजी में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को बराबरी पर रोका।
भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर ने अपने से अधिक अनुभवी और बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ी के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन किया और सफेद मोहरों से खेलते हुए विरोधी खिलाड़ी को 35 चाल के बाद ड्रॉ के लिए राजी किया।
प्रज्ञानानंदा ने मैच के बाद कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैं किसी परेशानी में था।’’
बुधवार को दो क्लासिकल मैच के मुकाबले की दूसरी बाजी में कार्लसन सफेद मोहरों से शुरुआत करेंगे और फायदे की स्थिति में रहेंगे।
प्रज्ञानानंद ने बाद में फिडे के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट की गई वीडियो में कहा, ‘‘मुझे लगा कि ‘आरबी आठ’ चाल में मुझे कुछ करना चाहिए था। लेकिन मैं अच्छी स्थिति में था और किसी जोखिम से बचना चाहता था।’’
कार्लसन के बुधवार को खेले जाने वाले दूसरे गेम के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘यह एक संघर्षपूर्ण मुकाबला होगा। वह निश्चित रूप से बहुत कड़ी मेहनत करेगा। मैं आराम करने और तरोताजा होने की कोशिश करूंगा। ’’
प्रज्ञानानंदा ने सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराकर उलटफेर करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी।
प्रज्ञानानंदा महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। वह 2024 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर चुके हैं।
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