ताजा खबरें | विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा में कामकाज बाधित

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के हंगामे के कारण अपने मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं करा सके और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने के कारण सदन की बैठक को एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न 3:30 बजे तक के लिए दोबारा स्थगित कर दिया गया।

नयी दिल्ली, 19 जुलाई संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के हंगामे के कारण अपने मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं करा सके और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने के कारण सदन की बैठक को एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न 3:30 बजे तक के लिए दोबारा स्थगित कर दिया गया।

सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर चार नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोकसभा में मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय कराने के दौरान कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों और अन्य विषयों पर हंगामा शुरू कर दिया।

इस पर प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए।

लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों से शांत होने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘परंपराओं को न तोड़ें। आप लंबे समय तक शासन में रहे हैं। आप परंपरा को तोड़कर सदन की गरिमा को कम नहीं करें। इस सदन की गरिमा को बनाए रखें...प्रधानमंत्री जी सदन के नेता हैं और फेरबदल के बाद मंत्रिपरिषद का परिचय करा रहे हैं। आप सदन की गरिमा को बनाए रखें।’’

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांति से नये मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की।

सदन में कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं सोच रहा था कि सदन में एक उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद मंत्री बनी हैं...आज खुशी का माहौल होगा कि आदिवासी साथी बड़ी संख्या में मंत्री बने हैं।’’

उन्होंने कहा कि किसान परिवार और ग्रामीण परिवेश से आने वाले, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समाज से आने वालों को बड़ी संख्या में मंत्रिपरिषद में स्थान मिला है, उनके परिचय में खुशी होनी चाहिए थी।

मोदी ने कहा, ‘‘इस बार सदन में हमारे साथी सांसद जो किसान परिवार से हैं, ग्रामीण परिवेश के हैं, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से हैं, ओबीसी समाज से हैं, बहुत बड़ी मात्रा में उनको मंत्रिपरिपषद में मौका मिला, उनका परिचय करने का आनन्द होता, हर बेंच को थपथपा करके उनका गौरव किया गया होता।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन शायद देश के दलित मंत्री बने, देश की महिला मंत्री बने, देश के ओबीसी मंत्री बने, देश के किसानों के बेटे मंत्री बने, ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है और इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते हैं।

उन्होंने कहा कि इसलिए अध्यक्ष जी, मंत्रिमंडल में नवनियुक्त सदस्यों का लोकसभा में परिचय कराया गया माना जाए ।

इसके बाद बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन के पटल पर मंत्रियों के परिचय की सूची रख सकते हैं।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंत्रियों के परिचय संबंधी सूची सदन के पटल पर रखी।

गौरतलब है कि गत सात जुलाई को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार हुआ था जिसके तहत 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इनमें 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नये मंत्रियों का परिचय कराने के दौरान कांग्रेस सदस्यों के हंगामे को दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा 24 वर्षों का संसद का अनुभव रहा है और हमेशा से देखा है कि जो भी प्रधानमंत्री होते हैं वह कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले अपने मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी देते हैं।’’

सिंह ने कहा कि एक नये मंत्री हों या अनेक मंत्री हों, प्रधानमंत्री सभी का परिचय कराते हैं और पूरा सदन उनकी बात को शांतिपूर्ण तरीके से सुनता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने 24 वर्ष के संसदीय जीवन में पहली बार देखा है कि इस परंपरा को तोड़ा गया है। कांग्रेस ने आज जो किया है वह दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

इस दौरान कांग्रेस सदस्यों को ‘काले कानून वापस लो’ के नारे लगाते सुना गया।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सदन के 40 दिवंगत पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। उन्होंने इसके बाद प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। अध्यक्ष ने बैठक को पूर्वाह्न 11:35 बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

दोपहर दो बजे सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। इस बीच पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदन को सूचित किया कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुरोध पर लोकसभा अध्यक्ष ने कोविड महामारी के मद्देनजर सभी मंत्रियों की ओर से आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखने की अनुमति संसदीय कार्य राज्य मंत्री को दी है। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे।

पीठासीन सभापति अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं दिखा। हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने कार्यवाही अपराह्न 3:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\