देश की खबरें | महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में महिलाओं को शामिल न किए जाने से महिला अधिकार कार्यकर्ता नाराज

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के मंगलवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में महिलाओं को जगह न दिए जाने को लेकर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने निराशा जताई।

पुणे, नौ अगस्त महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के मंगलवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में महिलाओं को जगह न दिए जाने को लेकर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने निराशा जताई।

महाराष्ट्र में 41 दिन बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार के तहत दक्षिण मुंबई स्थित राजभवन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल सहित 18 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

मंत्रिमंडल में कोई महिला शामिल नहीं है, जिसकी महिला अधिकार कार्यकर्ता और राजनेता आलोचना कर रहे हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महिलाओं को शामिल न किया जाना ‘भाजपा की मानसिकता’ को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र देश का पहला राज्य था, जिसने महिलाओं को आरक्षण दिया। जब भारत की 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है, तब उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। यह भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।”

18 कैबिनेट मंत्रियों में शिवसेना के बागी गुट और भाजपा के नौ-नौ मंत्री शामिल हैं।

2016 में अहमदनगर जिले के शनि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाली भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने शिंदे कैबिनेट में एक भी महिला विधायक को जगह नहीं मिलने पर निराशा जताई।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में महिलाओं का अपमान है।

सामाजिक कार्यकर्ता किरण मोघे ने कहा कि महिलाओं को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करना ‘चौंकाने वाला’ है, खासकर तब जब देश आजादी के 75 साल मना रहा है।

उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि उन्हें कोई सक्षम महिला नहीं नजर आई, जिसे मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सके।”

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