भुवनेश्वर, 11 दिसंबर ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से 16 दिन पहले बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
यह सत्र 26 नवंबर को शुरू हुआ था और इसे 31 दिसंबर तक चलना था, लेकिन यह मात्र 12 कार्य दिवसों के साथ समाप्त हो गया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अशोक मोहंती ने कहा कि सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि कोई विधायी कार्य नहीं बचा था।
बहरहाल, बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक प्रदीप दिसारी ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने डरकर सत्र समाप्त कर दिया। विपक्ष के डर से वे विधानसभा से भाग गए।’’
सत्र के दौरान सदन ने विनियोग विधेयक सहित कुल तीन विधेयक पारित किए।
सत्र की शुरुआत पहले ही दिन हंगामे के साथ हुई थी, जब विपक्षी सदस्यों ने संविधान दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर में प्रदर्शित भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द न होने पर हंगामा किया था। विपक्षी दलों कांग्रेस और बीजद ने आलू की कमी और पोलावरम बांध के मुद्दे भी कई बार उठाए।
पिछले बीजद शासन के दौरान कथित तौर पर पैसे लेकर सरकारी नौकरियां दिये जाने को लेकर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के बयान पर सदन में हंगामा हुआ।
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