नयी दिल्ली, एक जून कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने और कुछ अन्य घोषणाएं किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि इन कदमों का स्वागत है, लेकिन ये कुछ सप्ताह पहले क्यों नहीं उठाए गए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के इस प्रदेश को एक महीने तक जलने क्यों दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा।
लगातार तीन दिनों तक राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने और राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों से चर्चा के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में शाह ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन की घोषणा की। साथ ही उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे व राहत और पुनर्वास पैकेज का भी ऐलान किया।
रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री ने मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आज कई कदमों की घोषणा की। इनका स्वागत है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह काम गृह मंत्री ने कुछ सप्ताह पहले क्यों नहीं किया? मोदी सरकार ने एक महीने तक मणिपुर को जलने क्यों दिया? क्या केवल मणिपुर का वोट कीमती है, वहां के लोगों का जीवन कीमती नहीं है?’’
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘आरएसएस के एजेंडे, राज्य की भाजपा सरकार के द्वेषपूर्ण कदम और केंद्र सरकार की निष्क्रियता के कारण मणिपुर में आज विभाजन की स्थिति है। जो कुछ भी मणिपुर में हुआ है उसका असर पूरे पूर्वोत्तर पर है।’’
उन्होंने यह दावा भी किया कि मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘चुप्पी’ हैरान करने वाली नहीं है।
हक
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