देश की खबरें | नि:शुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में गलत क्या है : केजरीवाल

जामनगर (गुजरात), छह अगस्त जनता को ‘‘नि:शुल्क सुविधाएं’’ देने वाले दलों की आलोचना के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को सवाल किया कि क्या उनकी सरकार ने गरीबों को मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराकर कुछ गलत किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में ‘‘रेवड़ी कल्चर’’ या वोट पाने के लिए मुफ्त सुविधाएं देने के खिलाफ लोगों को आगाह किया था, जिसके मद्देनजर केजरीवाल ने अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों-दिल्ली और पंजाब में कल्याणकारी योजनाओं का बचाव किया।

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने यहां व्यापारियों के एक समूह के साथ बैठक में किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘उन्होंने अपने मित्रों के लिए 11 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसा करना सही है या बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना सही है?’’

केजरीवाल ने शनिवार को गुजरात के अपने दो दिवसीय दौरे की शुरुआत की, जहां साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है।

उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के 400 से अधिक छात्रों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में प्रवेश पाने में सफलता पाई है जबकि 400 से अधिक छात्रों ने मेडिकल पाठ्यक्रम के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) उत्तीर्ण की है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्र धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं और बोर्ड परीक्षा में इन स्कूलों के 99 प्रतिशत से अधिक छात्र उत्तीर्ण रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर मैं सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दे रहा हूं, तो क्या मैं कुछ गलत कर रहा हूं? क्या छात्रों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए? यह राष्ट्र निर्माण का काम है।’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बुनियादी ढांचे में सुधार किया है और ‘मोहल्ला क्लीनिक’ स्थापित किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने सभी को मुफ्त चिकित्सा उपचार मुहैया करने की नीति बनाई है, चाहे इसकी लागत 10 लाख रुपये हो, 40 लाख रुपये या 10 रुपये हो ... मैं यह नहीं पूछता कि आप अमीर हैं या गरीब। हम दो करोड़ लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं और वे कहते हैं कि केजरीवाल द्वारा मुफ्त रेवड़ी बांटी रही है।’’

दिल्ली में 200 यूनिट और पंजाब में 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि राजस्व में वृद्धि करके इन पर आने वाली लागत की वसूली की गई है।

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