उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद भुखमरी की ओर बढ़ रहे लोगों की संख्या 13.5 करोड़ से बढ़कर 27 करोड़ हो गयी है।
बीसली ने कहा, ‘‘मानवता को अभी मदद की दरकार है... यह एक बार का अनुरोध है। दुनिया एक चौराहे पर खडी है और हमें अरबपतियों से इस संबंध में कदम बढ़ाने की उम्मीद है।’’
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संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी के कार्यकारी निदेशक ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अप्रैल से जुलाई के बीच लगभग 2,200 अरबपतियों की वैश्विक संपत्ति में 20 खरब डॉलर की वृद्धि हुई।
वह स्विस बैंक यूबीएस और लेखा कंपनी पीडब्ल्यूसी द्वारा पिछले सप्ताह प्रकाशित एक अध्ययन का जिक्र कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी आपदाओं में से एक से लाखों लोगों की जान और मानवता को बचाने के लिए कुछ अरब डॉलर की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि धनी देशों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए अपने नागरिकों की खातिर 170 खरब डॉलर का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दिया है और यह राशि 2021 के लिए उपलब्ध नहीं होने वाली है।
बीसली ने कहा कि इस साल कई सरकारें संयुक्त राष्ट्र और इसकी एजेंसियों को अधिक पैसा दे सकती थीं लेकिन अब वे ऐसी स्थिति में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यम और निम्न-आय वाले देशों के लिए ऋणों को जनवरी 2021 तक रोक दिया गया या स्थगित कर दिया गया। इसके अलावा आठ खरब डॉलर की ऋण सेवाएं आने वाली हैं। इसके अलावा विकासशील देशों में विदेशों से लोगों द्वारा अपने परिवारों को भेजी जाने वाली राशि भी कम हो गयी है। लॉकडाउन भी स्थिति को बिगाड़ने में सहायक रहा।
बीसली ने कहा कि यह एक भयावह स्थिति है। इसलिए 2021 के लिए अरबपतियों द्वारा एकमुश्त राशि दिया जाना बहुत जरूरी है।
एपी
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