छत्रपति संभाजीनगर, सात फरवरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उनके खिलाफ लगाए जाने वाले "गद्दार" होने के आरोपों का जवाब देते हुए बुधवार को कहा कि यदि 50 विधायक और 13 सांसद गलत होते, तो लोग बड़ी संख्या में उनका समर्थन नहीं करते।
शिंदे ने शिवसेना के प्रतीक चिह्नों और अपने पूर्व पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कहा कि यह समय ‘‘अहंकार की मशाल’’ को इस धनुष-बाण से बुझाने का है।
ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 2022 में विभाजित हो गई थी जब शिंदे ने पार्टी के अधिकतर विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। बाद में निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को 'शिवसेना' नाम और उसका धनुष-बाण चिह्न दे दिया था।
ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना (यूबीटी) के रूप में जाना जाता है और इसका प्रतीक चिह्न 'मशाल' है।
इससे पहले शिंदे ने धाराशिव जिले (पूर्व में उस्मानाबाद) में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वे आरोप लगाते हैं कि उनकी पार्टी को चुरा लिया गया है और उन्हें धोखा दिया गया है।’’
शिंदे ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘‘अगर 50 विधायक और 13 सांसद गलत होते तो लोग बड़ी संख्या में हमारे साथ नहीं आते। आत्मनिरीक्षण करने के बजाय, वे (यूबीटी) हमें गद्दार कहकर हर दिन रोते हैं लेकिन उनकी ओर कोई नहीं बचा है।’’
शिंदे और ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट किसी न किसी मुद्दे पर आमने-सामने होते रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारे पास धनुष-बाण है। हमें इससे अहंकार की मशाल को बुझाना है।’’
शिंदे ने कहा कि ‘‘वे’’ शिकायत करते हैं कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के आदर्शों को चुरा लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आदर्शों की चोरी हो सकती है? उन्होंने 2019 में ही बाल ठाकरे के आदर्शों को छोड़ दिया। वे सिर्फ बाल ठाकरे की पार्टी का कोष चाहते थे।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके गुट को पार्टी (शिवसेना) का नाम और उसका चिह्न रखने की अनुमति मिलने के बाद, "उन्होंने हमें पत्र लिखकर पार्टी के 50 करोड़ रुपये की मांग की।’’
शिंदे ने कहा, "मैंने तुरंत वह राशि देने का आदेश दिया क्योंकि हमें केवल बाल ठाकरे के आदर्शों की जरूरत थी, पार्टी के पैसे की नहीं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को सरकारी योजनाओं को महाराष्ट्र के लोगों तक ले जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें इसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा, "हमें (सत्तारूढ़ गठबंधन) लोकसभा में 45 से अधिक सीट जीतनी हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों को मजबूत करना है।"
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल है।
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