जयपुर, 17 दिसंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले चार साल में अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए एक से बढ़कर एक काम किए और हर वर्ग का ध्यान रखा। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि चार साल के बाद भी राज्य सरकार के खिलाफ कोई माहौल (एंटी इनकंबेंसी) नहीं है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2018 में सत्ता में आई गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के चार साल शनिवार को पूरा किए। गहलोत ने इस उपलक्ष में यहां जवाहर कला केंद्र में आयोजित राज्य स्तरीय विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा,‘‘हमारे चार साल पूरे हो रहे हैं, हमने कोई कमी नहीं रखी, एक से बढ़कर एक काम किए हैं। हमारी योजनाओं की पूरे देश में चर्चा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर परिवार का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि आज चार साल के बाद जनता में सरकार के खिलाफ माहौल नहीं है, यह पहला मौका है राजस्थान में कि चार साल के कार्यकाल के बाद भी कोई सरकार विरोधी माहौल नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने संवेदनशील, पारदर्शी व जवाबदेह प्रशासन देने के लक्ष्य से काम किया।
गहलोत ने कहा कि हमने चुनावी घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज बनाकर वादों को पूरा किया और जनता की भावनाओं के अनुरूप जन घोषणा पत्र बनाया, जिसको आधार बनाकर नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन का कार्य किया जा रहा है।
अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लिए लगभग एक करोड़ लोगों को पेंशन दी जा रही है। इंदिरा रसोई योजना में आमजन को पौष्टिक भोजन आठ रुपये में सम्मान के साथ परोसा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए 800 करोड़ रुपये की ‘उड़ान योजना‘ के माध्यम से निशुल्क सैनेटरी नेपकिन का वितरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं से आज 46 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों का बिजली बिल शून्य आ रहा है, जबकि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को राहत दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्रत्येक योजना के केन्द्र में गरीब एवं वंचित लोग हैं। उन्होंने कहा कि आमजन को महंगे उपचार से मुक्ति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की है। इसमें 10 लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार मिल रहा है।
सरकार के ऐतिहासिक निर्णयों से राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में मानवीय दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू किया।
उन्होंने कहा कि हमारा वित्तीय प्रबंधन बेहतरीन रहा है, जिससे राज्य में सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी ओपीएस लागू करे ताकि कार्मिकों में अपने भविष्य के प्रति सुरक्षा की भावना आए।
उन्होंने कहा कि हमारी सोच सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की है, लेकिन केन्द्र सरकार को पूरे देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा नीति लागू करनी चाहिए ताकि वृद्धजनों, दिव्यांगों और विधवाओं को जीवन यापन में आसानी हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 13 जिलों में आमजन और किसानों के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना से राजस्थान के एक बड़े क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई जल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए, क्योंकि अनावश्यक देरी से परियोजना की लागत बढ़ेगी व लोग इसके लाभ से वंचित होंगे।
गहलोत ने राज्य स्तरीय प्रदर्शनी ‘जनसेवा, सबका सम्मान, आगे बढ़़ता राजस्थान’ का उद्घाटन किया। इसमें सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चार साल में लिए गए फैसलों, विकास कार्यों, योजनाओं एवं उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया है।
इस अवसर पर चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, सूचना एवं जनसंपर्क राज्य मंत्री अशोक चांदना, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा व आला अधिकारी मौजूद थे।
पृथ्वी
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