जरुरी जानकारी | वोडाफोन आइडिया की इक्विटी, कर्ज के जरिये 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. दूरसंचार सेवा प्रदाता वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने इक्विटी और इक्विटी से जुड़े साधनों के जरिये 20,000 करोड़ रुपये तक का कोष जुटाने की मंगलवार को मंजूरी दे दी जिसमें कंपनी के प्रवर्तक भी शामिल होंगे।

नयी दिल्ली, 27 फरवरी दूरसंचार सेवा प्रदाता वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने इक्विटी और इक्विटी से जुड़े साधनों के जरिये 20,000 करोड़ रुपये तक का कोष जुटाने की मंगलवार को मंजूरी दे दी जिसमें कंपनी के प्रवर्तक भी शामिल होंगे।

इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया ने कहा कि इक्विटी और ऋण के मिश्रण के जरिये लगभग 45,000 करोड़ रुपये का कोष जुटाने की योजना बनाई गई है।

गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही कंपनी इस समय अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसपर करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये का भारी कर्ज है और ग्राहकों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट के बीच इसे तिमाही घाटा भी उठाना पड़ रहा है।

दूरसंचार कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने इक्विटी और/या इक्विटी से जुड़े माध्यमों के मिश्रण से 20,000 करोड़ रुपये तक का कोष जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लिए प्रबंधन को बैंकरों एवं सलाहकारों को नियुक्त करने के लिए भी अधिकृत किया गया है।

कंपनी इस प्रस्ताव पर दो अप्रैल को अपने शेयरधारकों की बैठक में मंजूरी लेगी। उसे आने वाली तिमाही में इक्विटी कोष जुटाने की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। इक्विटी वृद्धि की प्रक्रिया में प्रवर्तक भी भाग लेंगे।

कंपनी ने कहा कि इक्विटी कोष जुटाने के बाद वह अपने ऋणदाताओं के साथ मिलकर सक्रिय रूप से कर्ज वित्तपोषण के लिए काम करेगी। इक्विटी और ऋण के संयोजन से कंपनी लगभग 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।

वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसका बैंक कर्ज इस समय 4,500 करोड़ रुपये से कम है।

बयान के मुताबिक, ‘‘इक्विटी और ऋण कोष जुटाने के बाद कंपनी 4जी कवरेज, 5जी नेटवर्क शुरुआत और क्षमता विस्तार के लिए निवेश करने में सक्षम होगी। इससे कंपनी अपनी प्रतिस्पर्द्धी स्थिति सुधारने और बेहतर ग्राहक अनुभव देने में सक्षम हो सकेगी।’’

वोडाफोन आइडिया ने कहा कि सीमित निवेश के साथ भी प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखा है। प्रस्तावित कोष जुटाने और सकारात्मक परिचालन विकास के साथ कंपनी बाजार में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आश्वस्त है।’’

पिछले साल सांविधिक बकाया राजस्व पर देय ब्याज को हिस्सेदारी में बदलने के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 33.1 प्रतिशत हो गई है।

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