देश की खबरें | मंदिरों में वीआईपी की संस्कृति बंद हो : उप राष्ट्रपति धनखड़
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि हमें वीआईपी संस्कृति को खत्म करना चाहिए, खासकर मंदिरों में क्योंकि वीआईपी दर्शन का विचार ही देवत्व के खिलाफ है।
धर्मस्थल (कर्नाटक), सात जनवरी उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि हमें वीआईपी संस्कृति को खत्म करना चाहिए, खासकर मंदिरों में क्योंकि वीआईपी दर्शन का विचार ही देवत्व के खिलाफ है।
उन्होंने लोगों से विघटनकारी राजनीति से ऊपर उठने और देश को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करने का आह्वान किया।
धनखड़ ने कहा, ‘‘जब किसी को वरीयता दी जाती है और प्राथमिकता दी जाती है एवं जब हम उसे वीवीआईपी या वीआईपी कहते हैं तो यह समानता की अवधारणा को कमतर आंकना है। वीआईपी संस्कृति एक पथभ्रष्टता है। यह एक अतिक्रमण है। समानता के नजरिए से देखा जाए तो समाज में इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए, धार्मिक स्थलों में तो बिल्कुल भी नहीं।’’
धनखड़ यहां श्री मंजूनाथ मंदिर में देश के सबसे बड़े ‘क्यू कॉम्प्लेक्स’ (प्रतीक्षा परिसर) का उद्घाटन कर रहे थे। इस सुविधा को ‘श्री सानिध्य’ के नाम से जाना जाता है।
धनखड़ ने अपने मुख्य संबोधन में मौजूदा राजनीतिक परिवेश में प्रचलित प्रवृत्ति की आलोचना की, जहां लोग संवाद करने के बजाय लोकतांत्रिक मूल्यों को बाधित करते हैं।
उप राष्ट्रपति के मुताबिक भारत में हो रहे राजनीतिक परिवर्तन ‘‘जलवायु परिवर्तन से भी अधिक खतरनाक हैं’’ जो भारतीय लोकतंत्र के विरोधी राजनीतिक ताकतों द्वारा संचालित हैं।,
धनखड़ ने कहा, ‘‘हमें भारत विरोधी ताकतों को बेअसर करना होगा जो विभाजन और गलत सूचना के माध्यम से हमें कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। हमें उन्हें हमारे देश के महान नाम और समावेशिता, कल्याण और हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में हासिल की गई सभी उपलब्धियों को कलंकित करने से रोकना होगा।’’
उप राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत कई मोर्चो पर विकास के साथ आगे बढ़ रहा है, हमें विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक नया विमर्श शुरू करना चाहिए और एकजुट, केंद्रित और विकासोन्मुख होने के अपने संकल्प के साथ उन्हें हराना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा समाज भौतिकवाद के सिद्धांतों पर नहीं बना है। इसलिए मैं भारत के कॉरपोरेट जगत से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और सीएसआर कोष का उपयोग करके स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दें।’’
धनखड़ ने आधुनिक भारत के लिए पांच सिद्धांत भी प्रस्तावित किए, जिन्हें उन्होंने जीवंत और समावेशी लोकतंत्र के लिए ‘पंच प्रण’ कहा।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक सद्भाव जो पारिवारिक स्थिरता और मूल्यों को मजबूत करेगा, पर्यावरण संरक्षण और प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों को मजबूत करेगा, ये हमारे मुख्य मूल्य होने चाहिए।
धनखड़ ने साथ ही कहा कि मौलिक अधिकारों को मौलिक कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने देश के लिए काम करना अपने हितों से ऊपर रखना चाहिए।’’
धनखड़ ने पत्नी सुदेश के साथ कार्यक्रम से पहले श्री क्षेत्र धर्मस्थल के धर्माधिकारी डी. वीरेंद्र हेगड़े के साथ मंदिर नगर के मुख्य देवता भगवान मंजूनाथ स्वामी (शिव का एक रूप) के दर्शन किए।
उन्होंने नए प्रतीक्षा परिसर ‘श्री सानिध्य’ का भी दौरा किया और श्रद्धालुओं को अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में मंदिर ट्रस्ट की प्रतिबद्धता की सराहना की।
नई कतार प्रणाली कुल 2,75,177 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें तीन मंजिला परिसर है जिसमें 16 हॉल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 600 से 800 भक्त बैठ सकते हैं। मंदिर प्रबंधन ने कहा कि परिसर की कुल क्षमता एक समय में 10,000 से 12,000 भक्तों के बीच है।
उप राष्ट्रपति ने अपने दौरे के दौरान ग्रामीण छात्रों के लिए एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम की भी शुरुआत की जिसे श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना (एसकेडीआरडीपी) या ‘ज्ञान दीप परियोजना’ नाम दिया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)