देश की खबरें | उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने सावरकर की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को स्वतंत्रता सेनानी हिन्दुत्ववादी विचारक विनयाक दामोदर सावरकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अनेक लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिये प्रेरित किया ।
नयी दिल्ली, 28 मई उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को स्वतंत्रता सेनानी हिन्दुत्ववादी विचारक विनयाक दामोदर सावरकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अनेक लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिये प्रेरित किया ।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ मैं साहसी वीर सावरकर को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। हम उन्हें उनकी बहादुरी और दूसरों को स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने की प्रेरणा देने तथा सामाजिक सुधारों पर जोर देने के लिए याद रखेंगे। ’’
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उन्होंने अपने ट्वीट के साथ मई 2018 के 'मन की बात’ कार्यक्रम पर सावरकर को लेकर अपने उल्लेख की क्लिप भी जारी की ।
मोदी ने कहा था कि यह दुख की बात है कि हम लंबे समय तक 1857 की घटनाओं को केवल विद्रोह या सिपाही विद्रोह कहते रहे । वास्तव में उस घटना को कम करके आंका गया । उन्होंने कहा था कि सावरकर पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ हुए भारतीय वीरों के संघर्ष को देश की आजादी की पहली लड़ाई कहने की हिम्मत की ।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि महान राष्ट्रभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, समाज सुधारक, लेखक, कवि वीर सावरकर की जयंती के अवसर पर स्वातंत्र्य वीर के अनुकरणीय कृतित्व और व्यक्तित्व को विनम्र नमन करते हैं।
नायडू ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ वीर सावरकर ने दलित और दुर्बल वर्गों के भाई-बहनों के लिए एक न्यायपूर्ण समावेशी संवेदनशील समाज की स्थापना हेतु सामाजिक रूढ़ियों का विरोध किया। उन्होंने मंदिरों में दलितों के प्रवेश के लिए लंबा संघर्ष किया... छुआछूत के विरुद्ध एक सशक्त आंदोलन चलाया।’’
उन्होंने कहा कि वे अपेक्षा करते हैं कि देश के युवा, स्वातंत्र्य वीर सावरकर के जीवन और कृतित्व का गंभीर अध्ययन करेंगे और राष्ट्र एवम् समाज निर्माण में उनसे प्रेरणा लेंगे। समाज से कुरीतियों को दूर करेंगे तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
गौरतलब है कि सावरकर का जन्म 1883 में आज ही के दिन हुआ था ।
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