प्रयागराज, 20 फरवरी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश उच्च न्यायिक सेवाओं के लिए दिए गए एक विज्ञापन में आयु सीमा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने यह देखने के बाद कि उक्त विज्ञापन उत्तर प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा नियम, 1975 के नियम 12 के अनुरूप है, इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा, “ हमें इस विज्ञापन में आयु को लेकर दिए गए उपबंध को चुनौती देने वाली कोई बात नहीं नजर आती क्योंकि विज्ञापन नियम 12 के अनुरूप है।”
यह याचिका अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले उम्मीदवार मुनेंद्र सिंह ने दायर की थी जिसमें उन्होंने 17 दिसंबर, 2019 के विज्ञापन को 1975 के नियमों के उलट होने का दावा किया था।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता की जन्म तिथि एक जनवरी, 1973 है और वह 1 जनवरी, 2021 को 48 वर्ष के हुए। ऊपरी आयु सीमा 1 जनवरी, 2021 के बजाय 2 जनवरी, 2021 होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा नियम, 1975 के नियम 12 के मुताबिक, याचिकाकर्ता चयन परीक्षा में शामिल होने का पात्र है, लेकिन विज्ञापन में दिए गए मापदंड जोकि नियम 12 के विपरीत है, की वजह से उन्हें बाहर किया जा सकता है।
अदालत ने कहा, “अन्य पिछड़ा वर्ग का उम्मीदवार होने के नाते याचिकाकर्ता आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट पाने का पात्र है, लेकिन नियमों के मुताबिक, वह एक जनवरी, 2021 को आयु सीमा पार कर गया क्योंकि एक जनवरी, 2021 को उसकी आयु 48 वर्ष हो गई। इस तरह से वह नियम 12 के तहत चयन में शामिल होने के लिए पात्र नहीं है।”
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