बेंगलुरू, 30 नवंबर कर्नाटक के बल्लारी जिले में हाल ही में हुई मातृ मृत्यु का कारण खराब गुणवत्ता का 'रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन' हो सकता है, इसलिए एहतियात के तौर पर सभी सरकारी अस्पतालों में इसका इस्तेमाल बंद कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शनिवार को यह घोषणा की।
अधिकारियों ने कहा 'रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन', "आमतौर पर रोगियों में पानी की कमी को दूर करने और द्रव संतुलन बनाए रखने के लिए नसों के द्वारा दिया जाता है।"
स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को बताया कि यह घोल कर्नाटक राज्य चिकित्सा आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल लिमिटेड से खरीदा गया था।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नौ से 11 नवंबर के बीच बल्लारी जिला अस्पताल में 'सिजेरियन ऑपरेशन' के बाद मातृ मृत्यु दर में अचानक वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के बयान में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान किए गए 34 'सिजेरियन ऑपरेशन' में से सात रोगियों को जटिलताओं का सामना करना पड़ा, जिसमें किडनी की गंभीर समस्या के कारण डायलिसिस की आवश्यकता और कई अंगों का सामान्य रूप से काम न करना शामिल था।
बयान के अनुसार चार प्रभावित मरीजों की मृत्यु हो गई, जबकि दो को छुट्टी दे दी गई तथा एक वर्तमान में बल्लारी स्थित विजयनगर आयुर्विज्ञान संस्थान (वीआईएमएस) में उपचाराधीन है।
पत्रकारों से मंत्री राव ने कहा कि अभी तक आधिकारिक तौर पर यह पुष्टि नहीं हुई है कि 'रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन' की वजह से मौत हुई हैं या नहीं। हालांकि, संदेह के कारण नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा, "इसके नमूने कोलकाता स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला को भी भेजे गए, जिसने इसके उपयोग को मंजूरी दी।"
राव ने बताया कि बाद में नमूनों का पुनः मूल्यांकन करने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया गया। पुनः परीक्षण के बाद केवल मानक गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करने वाले बैच को ही उपयोग के लिए मंजूरी दी गई।
उन्होंने मौजूदा बैच की गुणवत्ता की पुष्टि करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं, जिसमें एनारोबिक परीक्षण भी शामिल है, जिसमें कोई समस्या नहीं पाई गई। हालांकि, एक अतिरिक्त परीक्षण लंबित है और परिणाम आने में आठ से नौ दिन लग सकते हैं। रिपोर्ट उपलब्ध होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।"
उन्होंने कहा, "विशेषज्ञों की रिपोर्ट में 'रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन' के बारे में भी संदेह जताया गया है। इसी तरह की चिंताओं को देखते हुए हमने नमूनों को परीक्षण के लिए भेज दिया है। परिणाम आने के बाद हम उसके अनुसार निर्णय लेंगे।"
राव ने दोहराया कि एहतियात के तौर पर पूरे राज्य में 'रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन' का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है।
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