नयी दिल्ली, दो जुलाई नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) पर भुगतान जून में रिकॉर्ड 1.34 अरब लेनदेन तक पहुंच गया। इस दौरान लगभग 2.62 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए।
आंकड़ों के मुताबिक मई 2020 के 1.23 अरब लेनदेन के मुकाबले जून में 8.94 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इससे पहले अप्रैल में कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में यूपीआई लेनदेन घटकर 99.95 करोड़ रह गया था और इस दौरान कुल 1.51 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए।
अर्थव्यवस्था को खोलने के बाद ऑनलाइन भुगतानों में मई से धीरे-धीरे बढ़ोतरी हुई। एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक मई में यूपीआई लेनदेन की संख्या 1.23 अरब थी, जिनकी कीमत 2.18 लाख करोड़ रुपये थी। इसके बाद जून में लेनदेन की संख्या अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों के संचालन को एक छतरी के नीचे लाने के लिए एनपीसीआई का गठन 2008 में किया गया था। इसने देश में एक मजबूत भुगतान और निपटान बुनियादी ढांचा तैयार किया है।
एनपीसीआई रूपे कार्ड, तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), यूपीआई, भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम), भीम आधार, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनईटीजी फास्टटैग) और भारत बिलपे जैसे खुदरा भुगतान उत्पादों के माध्यम से भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
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