यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं भी हुईं निरस्त, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया गया फैसला

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं भी बृहस्पतिवार को रद्द कर दी गईं. सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस सिलसिले में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया...

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

लखनऊ, 3 जून: कोविड-19 महामारी के मद्देनजर माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं भी बृहस्पतिवार को रद्द कर दी गईं. सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस सिलसिले में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी शामिल थे. यह भी पढ़ें: RBSE Class 10th 12th Exam 2021: कोरोना संकट के बीच राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द

मुख्यमंत्री ने खुद भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री की प्रेरणा से यूपी बोर्ड ने निर्णय लिया है कि वर्तमान शैक्षिक सत्र में माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा.’’

यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के लिए 26 लाख परीक्षार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया था. प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पिछले महीने यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा भी निरस्त कर दी थी. हाई स्कूल के 30 लाख परीक्षार्थियों को 11वीं कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने पर सहमति बनी थी. उसके बाद यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा निरस्त किए जाने की संभावना प्रबल हो गई थी. सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं निरस्त होने के बाद कई अन्य राज्यों ने भी अपने-अपने यहां की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दीं.

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में परीक्षाओं के आयोजन को लेकर जो चिंता है उसे दूर किया जाना चाहिए. ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरुरत है.

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