महाराष्ट्र में शराब की दुकानें दोबारा खोला जाना अनुचित कदम : हजारे
उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में कोरोना वायरस को काबू करना और जिंदगियों को बचाना शराब बेचकर राजस्व कमाने से ज्यादा आवश्यक था।
पुणे, सात मई सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बृहस्पतिवार को लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र में शराब की दुकानों को दोबारा खोलने की अनुमति दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की और फैसले को 'असंवेदनशील और अनुचित' करार दिया।
उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में कोरोना वायरस को काबू करना और जिंदगियों को बचाना शराब बेचकर राजस्व कमाने से ज्यादा आवश्यक था।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में प्रवेश करने के बाद सोमवार से राज्य के कुछ हिस्सों में शराब की बिक्री की अनुमति दी गई थी।
एक बयान में हजारे ने कहा, '' दिन प्रतिदिन, देश में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ता जा रहा है और दुर्भाग्य से महाराष्ट्र इस सूची में शीर्ष पर है। देखने में आया है कि लॉकडाउन लागू होने के चलते कुछ हद तक वायरस के प्रसार को काबू करने में मदद मिली है।''
उन्होंने कहा कि लोगों को केवल जरूरी सामान लेने के अलावा बाहर निकलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। हालांकि, राज्य सरकार ने शराब की दुकानें खोले जाने की अनुमति दे दी, जिसके बाद इन दुकानों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं।
हजारे ने कहा कि शराब खरीदने की लाइन में लगे लोग सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करते दिखाई दिए और इन्होंने मास्क भी नहीं पहने हुए थे।
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