देश की खबरें | यूनिटेक मामला: ईडी ने अस्थायी तौर पर 125 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन कुर्क की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनिटेक समूह से जुड़े धन शोधन के आरोपों की जांच के सिलसिले में यूनिटेक इंफोपार्क लिमिटेड की 125.06 करोड़ रुपये की जमीन को अस्थायी तौर पर कुर्क कर लिया है। यह मामला यूनिटेक समूह से घर खरीदने वालों की शिकायतों से उत्पन्न आरोपों से जुड़ा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, 25 सितंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनिटेक समूह से जुड़े धन शोधन के आरोपों की जांच के सिलसिले में यूनिटेक इंफोपार्क लिमिटेड की 125.06 करोड़ रुपये की जमीन को अस्थायी तौर पर कुर्क कर लिया है। यह मामला यूनिटेक समूह से घर खरीदने वालों की शिकायतों से उत्पन्न आरोपों से जुड़ा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
ईडी ने 4.79 एकड़ जमीन की 39.83 फीसदी हिस्सेदारी को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह जमीन चेन्नई में यूनीवर्ल्ड सिटी टाउनशिप का हिस्सा है।
ईडी ने बयान में कहा, ‘‘कुर्क की गई जमीन की कीमत 125.06 करोड़ रुपये है। उक्त भूमि का स्वामित्व यूनिटेक इंफोपार्क लिमिटेड के पास है, जिसमें 39.83 फीसदी साझेदारी नार्निल इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (यूनिटेक समूह के प्रवर्तक चंद्रा की एक बेनामी कंपनी) के पास हैं।’’
बयान में कहा गया है कि यूनिटेक ग्रुप, उसके प्रवर्तकों और अन्य के खिलाफ घर खरीदारों की शिकायतों पर दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामलों दर्ज किया गया था। इस मामले में धनशोधन के आरोपों की जांच के सिलसिले में ईडी ने यह कार्रवाई की है।
बयान के अनुसार, ईडी ने जांच में पाया कि यूनिटेक के चंद्रा ने कथित तौर पर अपराध की आय से अर्जित 125.06 करोड़ रुपयों को 2009-10 में नार्निल इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से यूनिटेक इंफोपार्क लिमिटेड में निवेश किया था जो कि उपरोक्त कंपनी की 39.83 फीसदी हिस्सेदारी से हासिल हुई थी।
जांच में पाया गया कि नार्निल इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर चंद्रा बंधुओं का स्वामित्व है और इसका प्रबंधन उनके सहयोगियों द्वारा किया जा रहा था।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, ईडी ने संजय चंद्रा, अजय चंद्रा, रमेश चंद्रा, प्रीति चंद्रा और राजेश मलिक नाम के पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। अब तक ईडी द्वारा दो शिकायतें दायर की गई हैं और धन-शोधन निवारण अधिनियम अदालत द्वारा इसका संज्ञान लिया गया है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)