विदेश की खबरें | संयुक्त राष्ट्र में संकट की स्थिति, ईरान पर प्रतिबंध की तैयारी में अमेरिका
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. गौरतलब है कि इस कदम से ना सिर्फ ट्रंप प्रशासन के और अकेले पड़ने की आशंका है बल्कि इससे संयुक्त राष्ट्र की साख पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
गौरतलब है कि इस कदम से ना सिर्फ ट्रंप प्रशासन के और अकेले पड़ने की आशंका है बल्कि इससे संयुक्त राष्ट्र की साख पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
ईरान पर लगे प्रतिबंधों में 2015 परमाणु समझौते के बाद नरमी आयी थी, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो साल पहले अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया। पिछले सप्ताह ईरान के हथियार रखने पर अनिश्चितकाल के लिए पाबंदी लगाने का अमेरिका का प्रयास विफल रहा। अब अमेरिका कूटनीतिक माध्यम से अपना हित साधना चाहता है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइम पोम्पिओ बृहस्पतिवार को न्यूयॉर्क जाने वाले हैं, जहां वह सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को अधिसूचित करेंगे कि अमेरिका परमाणु समझौते को मान्यता देने वाले परिषद के प्रस्ताव पर ‘‘स्नैप बैक’’ तरीका अपना रहा है।
‘‘स्नैप बैक’’ में समझौते में शामिल पक्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहले लगाए गए सभी प्रतिबंधों को फिर से लगाने की मांग कर सकते हैं और इस जटिल प्रक्रिया को वीटो को जरिए भी नहीं रोका जा सकता।
विदेश विभाग पोम्पिओ के यात्रा कार्यक्रम की घोषणा बुधवार को कर सकता है, लेकिन ट्रंप ने ‘‘स्नैप बैक’’ की अपनी मंशा को राज नहीं रखा है।
गौरतलब है कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पर शुक्रवार को हुए मतदान में अमेरिका के पक्ष में सिर्फ एक अन्य सदस्य ने वोट किया था, रूस और चीन ने इसका विरोध किया जबकि 11 सदस्य अनुपस्थित रहे।
चीन और रूस ने अमेरिका के ‘स्नैप बैक’ का भी विरोध किया है।
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