दरअसल, पिछले हफ्ते के सैन्य तख्तापलट के बाद एक दिन पहले हजारों लोग लोकतंत्र के समर्थन में सड़कों पर उतर आये।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि सैन्य जनरलों को शनिवार के प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वैध संवैधानिक व्यवस्था की ओर लौटने का वक्त आ गया है।’’
वह लंबे समय तक देश में राज करने वाले तानाशाह उमर अल बशीर और उनकी इस्लामवादी सरकार को अप्रैल 2019 में अपदस्थ कर संयुक्त सैन्य-असैन्य शासन की स्थापना से जुड़े सत्ता साझेदारी समझौते का जिक्र कर रहे थे।
इस बीच, सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र दूत वोल्क्र पर्थेस ने कहा कि उन्होंने रविवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक से मुलाकात की जो राजधानी खार्तूम में नजरबंद रखे गये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मध्यस्थता के विकल्पों पर चर्चा की। मैं अन्य सूडानी हितधारकों के साथ ये कोशिशें जारी रखूंगा।’’
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